कोरोनरी आर्टरी डिजीज का पता लगा सकती है चेहरे की थर्मल इमेजिंग
Facial thermal imaging can detect coronary artery disease
नई दिल्ली, 4 जून: बीएमजे हेल्थ एंड केयर इंफॉर्मेटिक्स पत्रिका में मंगलवार को प्रकाशित शोध में पाया गया है चेहरे की थर्मल इमेजिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संयोजन से कोरोनरी आर्टरी डिजीज का सटीक तरीके से पता लगाया जा सकता है।
प्लाक के निर्माण के कारण कोरोनरी आर्टरी डिजीज हृदय की प्रमुख रक्त वाहिकाओं में क्षति या बीमारी है और इससे दिल का दौरा पड़ सकता है।
चीन के बीजिंग में सिंघुआ विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने दिखाया कि थर्मल इमेजिंग उस वस्तु द्वारा उत्सर्जित अवरक्त विकिरण (इंफ्रारेड रेडिएशन एमिटेड) का पता लगाकर वस्तु की सतह पर तापमान वितरण और विविधताओं को कैप्चर करती है।
थर्मल इमेजिंग, एआई के साथ मिलकर डिजीज को पहचानने और एक आशाजनक उपकरण के रूप में उभरी है। यह त्वचा के तापमान पैटर्न से असामान्य रक्त परिसंचरण और सूजन के क्षेत्रों की पहचान कर सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि यह गैर-आक्रामक है। यह रियल टाइम मेजरमेंट देने के साथ पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक प्रभावी है, जिसे नैदानिक अभ्यास के लिए अपनाया जा सकता है।
वहीं, दूसरी ओर कोरोनरी हार्ट डिजीज के निदान के लिए वर्तमान दिशानिर्देश जोखिम कारकों के आकलन पर निर्भर करते हैं, जो अक्सर ईसीजी रीडिंग, एंजियोग्राम और रक्त परीक्षण के साथ सटीक या व्यापक रूप से लागू नहीं होते हैं। यह ज्यादा समय लेने वाले और आक्रामक होते हैं।
शोध के लिए हृदय रोग वाले 460 लोगों के चेहरे की एआई से थर्मल इमेजिंग की गई। एआई-सहायता प्राप्त इमेजिंग मॉडल के माध्यम से 322 प्रतिभागियों (70 प्रतिशत) में कोरोनरी आर्टरी डिजीज का पता लगाया गया।
पूर्व परीक्षण जोखिम मूल्यांकन की तुलना में कोरोनरी आर्टरी डिजीज की भविष्यवाणी करने में यह दृष्टिकोण लगभग 13 प्रतिशत बेहतर था।
टीम ने कहा, “थर्मल इमेजिंग आधारित (कोरोनरी आर्टरी डिजीज) भविष्यवाणी भविष्य में होने वाले शोध के अवसरों का सुझाव देती है।”
उन्होंने कहा, “एक बायोफिजियोलॉजिकल आधारित स्वास्थ्य मूल्यांकन पद्धति पारंपरिक नैदानिक उपायों से परे रोग से संबंधित जानकारी प्रदान करती है जो संबंधित पुरानी स्थिति के आकलन को बढ़ा सकती है।”