आजमगढ़:साहित्य संसद,बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के राष्ट्रीय पुस्तक मेलें में राजसूर्य प्रकाशन द्वारा गौरवशाली पूर्वांचल के साथ लगी सैकड़ो पुस्तकें:अरविंद चित्रांश
Hundreds of books on the glorious Purvanchal displayed by Rajsurya Publication in the National Book Fair of Sahitya Sansad, Bundelkhand University Jhansi: Arvind Chitransh
रिपोर्टर रोशन लाल
आजमगढ़:साहित्य संसद,अखिल भारतीय लेखक शिविर और अंतर्राष्ट्रीय सृजनात्मक लेखन कार्यशाला,बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के राष्ट्रीय पुस्तक मेला-2025 में राजसूर्य प्रकाशन दिल्ली एवं मीनू प्रकाशन के प्रकाशक राजकुमार श्रीवास्तव द्वारा प्रधान संपादक अरविंद चित्रांश की तीन पुस्तकें “गौरवशाली पूर्वांचल”, “भोजपुरी फिल्म एवं लोकसंगीत से भोजपुरी वासियों का सरकार” और पूर्वांचल का प्रसिद्ध लोकनाट्य “बिटिया की विदाई” के साथ बड़े-बड़े लेखको और विद्वानों द्वारा लिखित और *राजसूर्य प्रकाशन* द्वारा प्रकाशित पुस्तकें- “और कितनी सीढ़ियां” लेखक यतीन्द्र नाथ गौड़, “शैम्पेन नशा जिंदगी का” लेखक राजीव शर्मा,गौरवशाली पूर्वांचल – अरविंद चित्रांश, “जिन्हें भूला – बिसरा दिया” लेखक संतोष बंसल, “अस्तित्व की प्रदक्षिणा” लेखक अश्विनी कुमार, “विश्व के प्रमुख दिवस” लेखिका पुष्पा सिंहा, “भगत सिंह की जेल डायरी” लेखक राजशेखर व्यास, “क्रांति की अग्नि शिखा भगत सिंह” – लेखिका सविता चड्ढा, “भारत में नाथ सम्प्रदाय का अभ्युदय एवं विकास”- लेखक सतोष कुमार सिंह, “महायोगी गोरखनाथ का जीवन दर्शन किन्नर”- लेखक डॅा. फूलचन्द प्रसाद गुप्त, “हिन्दी साहित्य और किन्नर समाज”-लेखिका डॅा. श्रीमती प्रेम सिंह,”चुनोतियों की धार पर औरत” विमला लाल, “एक नया विन्यास” प्रोफेसर परिचय दास, “साहित् साहनी का साहित्य: आधुनिकता-बोध के विविध आयाम” डॅा. अनुपमा श्रीवास्तव,विचित्र देश अनोखे लोग,विष्णु दत्त भट्ट आदि प्रसिद्ध साहित्यकारों और लेखकों की पुस्तकें,बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के पुस्तक मेलें में विद्वानों की पुस्तकें पाठको एवं लेखकों को बहुत ही जबरदस्त प्रभावित कर रही है।