Azamgarh news:पूर्वांचल महोत्सव समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम 15 नवंबर से 17 नवंबर तक

पूर्वांचल महोत्सव में दिखेंगे धार्मिक,सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विभिन्न रंग- राम प्रकाश राय उर्फ बबलू राय

आजमगढ़- जनपद आजमगढ़ में एक साल बाद पुनः 15 नवम्बर से 17 नवम्बर 2023 तक पूर्वांचल महोत्सव समिति द्वारा आयोजित धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विभिन्न कार्यक्रमों का जनपदवासी पूर्व की भांति उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। इस तीन दिवसीय आयोजित कार्यक्रमों में तमसा मंजूषा संगम स्थल पर स्थित दुर्वासा ॠषि आश्रम एवं तमसा कुंवर के संगम स्थल पर स्थित ॠषि दत्तात्रेय आश्रम तमसा और सिलनी संगम स्थल पर स्थित ऋषि चंद्रमा आश्रम पर नदी पूजन आरती एवं भजन संध्या लोगों को धार्मिकता एवं आध्यात्मिकता के रंगो में सराबोर कर देगी। वहीं कृषि मेला अन्नदाता को अधिक अन्न उगाने के लिये नवीन तकनीक से परिचित करायेगा तथा सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रम रोजाना समा बांधेंगे। पूर्वांचल महोत्सव समिति के अध्यक्ष विनय राय अपने सहयोगियों के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंच चुके है कार्यक्रम की तैयारियां पूरे जोर शोर से चल रही है। पूर्वांचल महोत्सव समिति के सूत्रों के अनुसार महोत्सव का आयोजन 15 नवंबर से 17 नवंबर 2023 तक हो रहा है कार्यक्रम के अनुसार 15 नवम्बर को ॠषि दुर्वासा धाम 16 नवम्बर को ऋषि दत्तात्रेय धाम एवं 17 नवंबर को ॠषि चंद्रमा धाम पर ॠषि स्थली एवं नदी पूजन का कार्यक्रम तथा भव्य आरती सायं 5:00 बजे होगी। इसके अतिरिक्त जे डाॅन वास्को स्कूल खोजापुर चकइनामी पर 15 नवम्बर से 17 नवम्बर 2023 तक सायं 7:00 बजे से सास्कृतिक कार्यक्रम चलेगा। इसके अतिरिक्त जे डाॅन वास्को स्कूल खोजापुर में 15 नवम्बर एवं 16 नवम्बर को दो दिवसीय कृषि मेला प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक आयोजित किया गया है। मीडिया से बातचीत मे जे डाॅन वास्को स्कूल खोजापुर के प्रबंधक राम प्रकाश राय बब्लू ने कहा ऋषि दुर्वासा ऋषि दत्तात्रेय और ऋषि चंद्रमा की तपोस्थली पर भव्य रूप में ॠषि स्थली एवं नदी पूजन और आरती का कार्यक्रम रखा गया है। आजमगढ़ के तीनों स्थानों का पौराणिक महत्व है। यह हमारी पावन नदियां हमारी सभ्यता और संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं। नदी आरती पूजन से मानव जीवन में धर्म धैर्य धन की वृद्धि होती है।अपनी जीवनदायिनी नदियों का संरक्षण आरती पूजन करना प्रत्येक मानव का नैतिक धर्म है। कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों मे आस्था और मानवीय संवेदना जागृत करना है। उन्होंने अपील किया कि अधिक से अधिक संख्या में लोग पहुंच कर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होकर कार्यक्रमों को सफल बनायें।

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