मुंबई महानगरपालिका के हॉस्पिटलो में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव,मैन पावर की कमी से जूझ रहे हैं मनपा अस्पताल
MumbaiNews:रिपोर्ट:अजय उपाध्याय
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई मनपा का सालाना बजट जहां देश के अन्य छोटे राज्यों के बजट के बराबर है किंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि वर्तमान समय में मनपा अस्पतालों में मरीजों की तुलना में मैनपावर कम पड़ने लगी है। इसका सीधा असर रोगियों की देखभाल पर पड़ रहा है। दूसरी तरफ, इंडियन मेडिकल काउंसिल की शर्त के मुताबिक, करीब आठ मरीजों की देखभाल करने का जिम्मा एक नर्स पर होना चाहिए। लेकिन मौजूदा समय में मनपा द्वारा संचालित अस्पतालों में सौ मरीजों पर मात्र दो नर्स ही अपनी सेवा दे रही हैं। बता दें कि मुंबई मनपा द्वारा संचालित सायन, केईएम, सायन,नायर, कूपर ,शताब्दी घाटकोपर का राजावाडी समेत कुछ प्रमुख अस्पताल हैं। लेकिन मनपा प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
हिंदू राष्ट्र सेवा संगठन महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष राजा भाऊ सोनटक्के ने कुछ मनपा अस्पतालों का दौरा करते हुए बताया कि मनपा के प्रमुख अस्पतालों में मुंबई और महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों से अपनी बीमारियों का इलाज कराने के लिए मरीज आते हैं। लेकिन अनेक अस्पतालों में नर्सों की कमी का सीधा असर मरीजों के देखभाल पर पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अस्पतालों में एक नर्स करीब ५० मरीजों की देखभाल कर रही है, जिससे वे तनाव में रहती हैं। हिंदू राष्ट्र सेवा संगठन महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष राजा भाऊ सोनटक्के ने मनपा प्रशासन को साफ-सफाई, मरीजों व कर्मचारियों के अनुपात और उनके बीच भारी अंतर पर भी ध्यान देने को कहा है। इसके अलावा बरसात के इस मौसम में बीमारियों का प्रकोप फैलने से अस्पतालों में बेड मरीजों से भरे पड़े है यहां तक की एक बेड पर दो मरीज भी देखने को मिले हैं। बेड के नीचे और बरामदे में फर्श पर भी मरीज देखने को मिल रहे हैं। राजा भाऊ सोनटक्के ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, मुंबई मनपा आयुक्त से मनपा अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं को मुहैया कराने की मांग की है।