अमरावती:मोहम्मद तबरेज कुरैशी अकोला ने १३ साल की उम्र में रखा माहे रमजान का पहला रोजा
अचलपुर संवाददाता सैयद गनी की विशेष रिपोर्ट
अचलपुर अमरावती महाराष्ट्र,
(अकोला)
अकोला शहर में रमजान माह की किरण छाई हुई है जिसके तहत पुरुष बुजुर्ग और महिलाऐ इबादतों में मुश्किल है लेकिन रमजान के महीने में रोजा रखने में बच्चे भी पीछे नहीं गर्मी की तपिश भी इबादतों की ख्वाहिश को तोड़ नहीं पाती अकोला शहर के 1600 प्लांट निवासी मोहम्मद वहीद कुरैशी के छोटे बेटे मोहम्मद तबरेज कुरैशी ने माहे रमजान का पहला रोजा 31 मार्च 2024 को मुकम्मल किया, मोहम्मद तबरेज कुरैशी अकोला 1600 प्लाट अकोट फाइल निवासी ने १३ साल की उम्र में शहरी को उठकर शहरी की और अल्लाह की दिनभर इबादत करने के बाद इफ्तार के समय अपने रोजे को मुकम्मल किया रमजान महीने में जहां खुद घर पर इफ्तारी के लिए व्यंजन बनाए जाते हैं वही रमजान के महीने में एक नीति नेकी करने पर 70% नेकियों का सवाब मिलता है रमजान का महीना तीन अशरों में मनाया जाता है हर अशरा 10 दोनों का होता है अकोला शहर में रमजान की रौनक छाई हुई है एक तरफ जहां बड़े-बड़े लोग रमजान की कदर कर रोजा रख नमाज इबादत कर रहे हैं वही बच्चे भी इसमें पीछे नहीं है छोटे-छोटे बच्चे भी १३ घंटे तक रोजा रख रहे हैं मुल्क में अमन और शांति के लिए दुआ की जा रही है।