त्योहारी सीजन में घरों की मांग में हो सकता है इजाफा, जुलाई से सितंबर के बीच बड़े शहरों में स्थिर रही बिक्री
There may be an increase in demand for homes during the festive season, sales remained stable in big cities between July and September
मुंबई: दो वर्ष तक लगातार रियल एस्टेट मार्केट में तेजी के बाद देश के शीर्ष शहरों में जुलाई से सितंबर के बीच घरों की मांग स्थिर रही है और इस दौरान करीब 1.07 लाख से ज्यादा यूनिट्स की बिक्री हुई है। गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
रिपोर्ट में बताया गया कि रियल एस्टेट की बिक्री स्थिर रहने की वजह मानसून और श्राद्ध का महीना चलना है।
एनारॉक ग्रुप की रिपोर्ट में बताया गया कि इस साल की तीसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में भी बिक्री नई आपूर्ति से अधिक रही है। इस दौरान आपूर्ति में लग्जरी घरों (1.5 करोड़ रुपये से अधिक) की हिस्सेदारी 33 प्रतिशत रही।
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि 2024 की तीसरी तिमाही में घरों की बिक्री में हल्की मंदी देखने को मिली है। इसकी वजह उच्च कीमत और मानसून सीजन का होना है। हालांकि, श्राद्ध का महीना पड़ने के कारण हमेशा इस दौरान मांग में धीमापन देखने को मिलता हैं। 2024 की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) के बीच उच्चतम स्तर छूने के बाद घरों की मांग स्थिर बनी हुई है।
डेवलपर्स की ओर से इस त्योहारी सीजन को देखते हुए कई प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए जा रहे हैं, जिससे मांग में इजाफा देखने को मिल सकता है।
मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में तीसरी तिमाही में सबसे अधिक 36,190 घरों की बिक्री हुई है। इसके बाद पुणे में 19,050 घरों की बिक्री देखने को मिली है।
2024 की तिमाही में देश के शीर्ष सात शहरों में होने वाली कुल बिक्री का 52 प्रतिशत मुंबई और पुणे से ही आया है।
इस साल जुलाई से सितंबर की अवधि में देश के शीर्ष सात नए शहरों में 93,750 यूनिट्स नए घर लॉन्च हुए हैं, 2023 में इनकी संख्या 1,16,220 यूनिट्स थी।
मिड सेगमेंट (40 लाख रुपये से लेकर 80 लाख रुपये तक) के घरों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी जुलाई-सितंबर में 23 प्रतिशत रही है। हालांकि, अफोर्डेबल घरों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी घटकर 13 प्रतिशत रह गई है।
देश के शीर्ष सात शहरों में औसत घरों की कीमत में जुलाई से सितंबर के बीच सालाना आधार पर 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। औसत घरों की कीमत में हैदराबाद में सबसे अधिक 32 प्रतिशत, बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर में घरों की कीमत में 29 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।