‘इंडिया’ ब्लॉक ने चुनाव आयोग पर लगाया गंभीर आरोप, कहा – भाजपा के इशारे पर हटाए जा रहे दलित एवं आदिवासी अधिकारी

'India' block makes serious allegation on Election Commission, says - Dalit and tribal officials are being removed on BJP's instructions

रांची:। ‘इंडिया’ ब्लॉक की पार्टियों ने देवघर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग और रांची में उपायुक्त के पद पर कार्यरत रहे मंजूनाथ भजंत्री को चुनाव आयोग द्वारा हटाए जाने पर शुक्रवार को गहरी आपत्ति जताई। गठबंधन ने चुनाव आयोग पर दलित-आदिवासी अधिकारियों को प्रताड़ित का भी आरोप लगाया।

झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और सीपीआई एमएल के एक प्रतिनिधिमंडल ने इसे लेकर राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात की और उन्हें देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के नाम एक ज्ञापन सौंपा। बाद में गठबंधन के नेताओं ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड में भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग का अनैतिक गठबंधन है, जो ‘बंटी और बबली’ की तर्ज पर काम कर रहा है। भाजपा के कहने पर दलित और आदिवासी अफसरों को चुन-चुन कर हटाया जा रहा है। चुनाव आयोग की ओर से जिस तरह एकतरफा निर्णय लिए जा रहे हैं, उससे राज्य में निष्पक्ष चुनाव को लेकर संदेह है।

‘इंडिया’ ब्लॉक के नेताओं ने ज्ञापन की प्रति प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी की। इसमें कहा गया है, “आपके (मुख्य निर्वाचन आयुक्त) कार्यालय की ओर से 29 अक्टूबर 2024 को आकस्मिक रूप से बिना किसी कारण के देवघर में पदस्थापित पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग के स्थानांतरण का जो आदेश निकाला गया, वह अत्यंत हतप्रभ करने वाला प्रतीत होता है। इसके पूर्व भी रांची में उपायुक्त पद पर पदस्थापित पदाधिकारी मंजुनाथ भजंत्री को बिना कारण बताए स्थानान्तरित करने का आदेश पारित किया गया था।

ज्ञापन में कहा गया गया है, “इन दो आदेशों का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है। राज्य में पदस्थापित आदिवासी और दलित पदाधिकारियों के बारे में इस प्रकार का आदेश अप्रत्यक्ष रूप से किसी विशेष राजनीतिक दल को चुनाव में प्रशासनिक सहयोग को अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षित करता है। राज्य में छठी विधानसभा के लिए आम चुनाव सम्पन्न करने की प्रक्रिया जारी है और इस प्रकार के आदेश कहीं न कहीं प्रशासनिक तंत्र को अस्थिर करने का एक उद्देश्य प्रतीत होता है। हम इन कार्रवाइयों का विरोध करते हैं एवं संयुक्त रूप से आपके समक्ष अपनी नाराजगी और आपत्ति दर्ज करते हैं।”

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मिलकर ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के अलावा कांग्रेस के विनय सिन्हा दीपू, राजेश गुप्ता छोटू, भाकपा (माले) के शुभेंदु सेन और राष्ट्रीय जनता दल के कैलाश यादव शामिल रहे।

इसके पहले राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इन अफसरों को हटाए जाने पर 30 अक्टूबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने लिखा था, “दलित आईएएस अफसर को हटाया गया, लगातार परेशान किया गया। अब आदिवासी आईपीएस अफसर को लगातार परेशान किया जा रहा है। आखिर क्यों दलितों-आदिवासियों से भाजपा को इतनी परेशानी है?”

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