माता बहनों ने की गोवर्धन पूजा । 

 

विनय मिश्र, जिला संवाददाता ।

 

बरहज देवरिया। ग्रामीण अंचल से लेकर नगर तक माता बहनों ने भगवान गोवर्धन की पूजा की श्री कृष्णा और गोवर्धन पर्वत की पूजा का विधान है सनातन शास्त्रों के अनुसार इस दिन उपासना करने जातक को सभी तरह के दुखों और संताप से छुटकारा मिलता है साथ ही सुख समृद्धि में वृद्धि होती है ऐसा माना जाता है कि पूजा थाली में भोग शामिल न करने से पूजा अधूरी रहती है एक कथा के अनुसार यह पूजा ब्रज में आरंभ हुई और धीरे-धीरे संपूर्ण भारत में प्रचलित हो गई इसके पीछे तथा आती है कि इंद्र की पूजा ना करके भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा कराई एक बार इंद्र कुपित होकर के पूरे ब्रजमंडल को छिन्न भिन्न करना चाहते थे लगातार मूसलाधार बरसात हुई जिस पर भगवान कृष्ण ने गायों की रक्षा के लिए पूरे गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया अंत में इंद्र हार मानकर शांत हो गए और यही से भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा प्रारंभ की तब से लेकर गोवर्धन पूजा पूरे भारत में मनाए जाने लगी यह परंपरा द्वापर युग से शुरू हुई गोवर्धन पूजा अनंत पीठ आश्रम बरहज में और अन्य जगहों पर माता बहनों द्वारा उत्साह पूर्वक मनाया गया। वही बरहज नगर के काहाँ गोशाला पर नगर पालिका अध्यक्ष श्वेता जायसवाल ने समूह की महिलाओं के साथ पूजन कर गोवर्धन पूजा पूजा किया गौ पूजन गोवर्धन पूजा के महिलाओं के द्वारा मंगल गीत भी गए इस अवसर पर श्वेता जायसवाल ने कहा कि गोवर्धन पूजा का हिंदू धर्म में बड़ा ही धार्मिक इस पर्व कोॳन कूट के के नाम से भी जाना जाता है।

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