भिवंडी में विकाश का मुद्दा गायब अमर्यादित भाषाओं के प्रयोग से राजनीति का गंदा खेल
The issue of development in Bhiwandi is missing, the dirty game of politics is experimenting with unlimited languages
हिंद एकता टाइम्स भिवंडी
रवि तिवारी
भिवंडी – भिवंडी विधानसभा चुनाव के अंतर्गत राजनेताओं ने अपनी लोककल्याण जैसी महत्व पुर्ण विकाश की योजनाओं को छोड़ कर सियासी पलटवार और कटाक्ष करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यही नहीं आज मेंरे मंच पर कल दूसरे मंचपर खडें होकर एक-दूसरे के खिलाफ आग उगल रहे हैं। शहर का विकाश व लोक कल्याण जैसे प्रमुख मुद्दा गायब होता नजर आ रहा है। जनता भी हैरान है आखिर यह हो क्या रहा है?शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ,सड़क, सुध्द पानी, सड़क,अस्पताल, यातायात सुविधा,पर्यावरण, साफ सफाई,प्रदूषण, आदि मानवीय सुविधाओं को छोड़कर एक दूसरे के उपर कटाक्ष करते नजर आ रहे हैं। जिसे सुनकर जनता भी हैरान है। कोई अपने विरोधियों की चड्डी उतारने की बात कर रहा है। धमकी दे रहा कोई किसी को कुत्ता कह कर वाहवाही लूट रहा है। भाषाई मर्यादाओं को लांघते हुए ये नेता केवल चुनावी गणित साधने में लगे हुए है। जबकि शहर के असली मुद्दे गायब हो चुके हैं।भिवंडी शहर के बुनियादी मुद्दे पर चर्चा हो ही नहिं रही है। इस बार नेताओं व्दारा बदले की आग में जलने जैसी बू आ रही है। पार्टी के लिये तथा अच्छे उमीदवार को भी अपने ही लोग नंगे करने में लगे हुए है। पार्टी के इन झंझटो नें निर्दलीय उम्मीदवार को जिताने में अहम भूमिका होगी। स्थानीय भूमिपुत्र पदाधिकारी खुलकर विरोध कर रहे है। शहर के लोगों का कहना है कि ये बाहरी नेता सिर्फ सत्ता का खेल खेलने आए है, जबकि क्षेत्रीय जनता की समस्याओं से उनका कोई सरोकार नहीं।भिवंडी के मतदाता इन बदलते राजनीतिक रंगों को भली-भांति देख रहे हैं। चुनावी माहौल में उठती इस धूल के बीच जनता यह तय करने की कोशिश कर रही है कि कौन उनके हित में काम करेगा और कौन सिर्फ सत्ता के लिए यह खेल खेल रहा है। शहर के लोग अब देख रहे हैं कि गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले ये नेता किस हद तक जाकर अपनी राजनीति साधेंगे और क्या उनकी बदलती रणनीतियां इस बार वोटरों को प्रभावित कर पाएंगी। भिवंडी में सियासी दांव-पेच अपने चरम पर हैं, और चुनावी खेल दिन-ब-दिन दिलचस्प होता जा रहा है.जनता की निगाहें अब नेताओं की हर चाल पर टिकी है, और हर कोई यह जानना चाहता है कि इन सियासी बदलाओं का असली चेहरा क्या है।