खजांची लाल का जन्मदिन मनाने पर बोले राकेश त्रिपाठी, ‘मासूम बच्चे का राजनीतिक उपयोग करना दुर्भाग्यपूर्ण’
Rakesh Tripathi speaks on Khajanchi Lal's birthday, 'Unfortunate to use innocent children politically'
लखनऊ: पूरे देश में नवंबर 2016 लागू हुई नोटबंदी के दौरान पैसे निकालने के लिए लगी लंबी लाइन में खड़ी एक गर्भवती महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया था। उस बच्चे का नाम उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खजांची लाल रखा था। खजांची लाल अब बड़ा हो गया है। समाजवादी पार्टी सुप्रीमो ने शनिवार को उसका जन्मदिन मनाया। भारतीय जनता पार्टी के नेता राकेश त्रिपाठी ने इसकी निंदा की है।राकेश त्रिपाठी ने मिडिया से बात करते हुए कहा, “एक मासूम बच्चे का राजनीतिक उपयोग करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। वह बच्चा जो नोटबंदी और राजनीतिक दुराग्रह के बारे में कुछ नहीं जानता, उसका राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना गलत है। निश्चित रूप से बाल अधिकार आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि एक नाबालिग का इस तरह का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी को नोटबंदी की पीड़ा इतनी क्यों सताती है? क्या व्यक्तिगत रूप से उनका इस दौरान कुछ नुकसान हुआ था? गरीब जनता को नोटबंदी से कोई नुकसान नहीं हुआ था? दरअसल, आम लोगों को इसका लाभ ही हुआ है। नोटबंदी से हुए लाभ पर कई एजेंसियों ने रिपोर्ट जारी की है, जो सार्वजनिक हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “अखिलेश यादव जी ने हाल ही में संतों के बारे में भी बयान दिया है, यह कहते हुए कि मौजूदा सरकार संतों में झगड़ा करवा रही है। और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी टिप्पणी की है कि जो बड़े संत होते हैं, वे कम बोलते हैं, जबकि योगी जी अधिक बोलते हैं। मुफ्ती, मौलानाओं की चिंता करने वाले अखिलेश यादव को संतों की चिंता कब से होने लगी है। क्या यह वही अखिलेश यादव हैं जिन्होंने सत्ता में रहते हुए निहत्थे साधु-संतों पर लाठीचार्ज कराया, कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई और धार्मिक आयोजनों के खिलाफ आदेश दिए? जब वह सत्ता में थे, तो उनके द्वारा साधु-संतों के खिलाफ की गई कार्रवाइयां आज क्यों भूल रहे हैं? अखिलेश यादव जी का साधु-संतों की चिंता करना मात्र एक दिखावा है, क्योंकि उनका असल मकसद मजहबी तुष्टिकरण था। उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। अब वह अपनी पार्टी और सरकार की नीतियों के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन जब वे सत्ता में थे, तो उन्होंने केंद्रीय योजनाओं को लागू करने में कोई मदद नहीं की।”
इसके बाद उन्होंने अखिलेश यादव की डबल इंजन वाली सरकार के तंज पर कहा, “भारतीय जनता पार्टी की “डबल इंजन सरकार” देशभर में केंद्रीय योजनाओं को लागू कर रही है और उत्तर प्रदेश इन योजनाओं को लागू करने में सबसे आगे है। आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का लाभ हर किसी तक पहुंच रहा है, लेकिन कुछ राज्य सरकारें, जैसे पश्चिम बंगाल और दिल्ली, इन योजनाओं को रोकने की कोशिश कर रही हैं। इसलिए अखिलेश यादव जी के आरोप निराधार हैं। अखिलेश यादव जी का व्यक्तिगत रूप से टिप्पणियां करना दुर्भाग्यपूर्ण है। वह अपनी पार्टी और विचारधारा की बात करते, तो बेहतर होता। उनका वह नजरिया जिसमें बलात्कारियों के पक्ष में बयान दिए जाते थे, और गायत्री प्रसाद प्रजापति जैसे अपराधियों को अपने मंत्रिमंडल में रखा जाता था, उस पर उन्हें विचार करना चाहिए।”