दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर पर तुलसी विवाह का किया गया आयोजन

Tulsi marriage was organized at the south facing Hanuman temple

विनय मिश्र, जिला संवाददाता।

बरहज ,देवरिया, सरयू तट बरहज दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर पर आज तुलसी विवाह का पर्व श्रद्धा व भक्ति के साथ को मनाया गया। इस दौरान कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को पूरे विधि-विधान के साथ तुलसी व शालिग्राम भगवान का विवाह संपन्न कराया गया। इस मौके पर प्रचलित तुलसी विवाह के अवसर पर मंदिर परिसर के आंगन में चावल के चौरठ से विवाह योग्य मंडप तैयार कर पारंपरिक रूप से मंडप में भगवान शालिग्राम व तुलसी चबूतरा पर स्थित माता तुलसी का विवाह किया गया। शालिग्राम व माता तुलसी विवाह लिए गन्ने से , मंदिर के आंगन में तुलसी स्थान पर मंडप बनाया गया। ईंख से बने मंडप को गेंदा, गुलाब आज के फूलों से सजाया गया। फिर तुलसी जी का विधिवत रूप से श्रृंगार कर शालिग्राम जी के साथ गठजोड़ करते हुए विवाह की सभी रस्में पूरी की गई। शालिग्राम भगवान को धोती, गमछा, चादर जबकि तुलसी मैया को लाल-पीली चुनरी, साड़ी, चूड़ी, बिन्दी, सिंदूर व श्रृंगार की सामग्री अर्पित की गई। फिर मंडप पर बैठे शालिग्राम भगवान को पांच बार उठाते हुए वैदिक मंत्रोच्चार, उत्तिष्ठ-उत्तिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पत्ये, त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत् सुप्तं भवेदिदम् की जय-जयकार की गई। ऊं जय जगदीश हरे के साथ आरती-वंदन कर प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद के रूप में सुथनी, सिंघाड़ा, , गुड़, सेव, संतरा, केला आदि का वितरण किया गया। विनय पंडित विनय मिश्र ने बताया कि आज के दिन सभी मांगलिक कार्यों की भी शुरुआत की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह के शयन के बाद योग निंद्रा से जगते हैं। उस दिन शाम में तुलसी के संग भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप का विवाह करवाया जाता है। तुलसी विवाह कराने से भगवान विष्णु का आशिर्वाद प्राप्त होने के साथ जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते है। उधर, महिलाओं ने तुलसी के पौधे का सामूहिक रूप से विशेष पूजा-अर्चना कर तुलसी विवाह संपन्न कराया गया। इस मौके पर मंदिर के महंत हरिओम दास महाराज डॉक्टर आरके सिंह राधा रमन पांडे धर्मेंद्र कुमार पांडे जितेंद्र चौहान कन्हैया लाल चौरसिया भोलू यादव रामानुज तिवारी सुभाष सोनकर मनोज चौरसिया महेश राजभर सहित काफी संख्या श्रद्धालु जन उपस्थित रहे ।

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