सूर्य उगने के बाद सूर्यास्त निश्चित है-परम पूज्य अंकित चतुर्वेदी जी महाराज

रिपोर्ट:चंदन शर्मा

रानी की साराय/आजमगढ़:रानी की सराय क्षेत्र के मसानी माता मंदिर पर श्री शतचंडी महायज्ञ एवं राम कथा का रविवार को आठवें दिन यज्ञ मंडप परिक्रमा करने की श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की ।वही शनिवार की देर शाम को राम कथा का श्रवण करने के लिए भारी संख्या में महिलाएं और पुरुष जुट रहे हैं।
शनिवार को संध्याकालीन से हो रहे श्री राम कथा का प्रवचन कर रहे परम पूज्य श्री अंकित चतुर्वेदी जी महाराज ने बताया कि सूर्य उगने के बाद सूर्यास्त सुनिश्चित है। इस प्रकार भगवान श्री राम विवाह उपरांत अयोध्या को वापस लौटते हैं अयोध्या में मंगल ही मंगल होता है। इसी दौरान श्री राम को 14 वर्ष का वनवास हो जाता है। राम के साथ लक्ष्मण और सीता भी वन को चले जाते हैं जिसके वियोग में राजा दशरथ ने प्राण त्याग दिए। भरत के अयोध्या आने पर वह राम को वन से वापस लेने के लिए पंचवटी जाते हैं लेकिन श्री राम वापस नहीं आते हैं वहीं भरत श्री राम के चरण पादुका को अयोध्या की राज सिंहासन पर रखकर राज्य को संभालते हैं । पंचवटी में रावण की बहन सूर्पनखा राम से शादी का प्रस्ताव रखा। वही लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काट दिए। इस दौरान श्री राम ने खरदूषण का वध किया। सूर्पनखा की नाक काटने का बदला लेने के लिए रावण ने सीता का हरण कर लिया।बीच रास्ते में जटायु से युद्ध हुआ वहीं रावण ने जटायु का पंखों को काटकर लहुलूहान कर दिया। वही श्री राम माता जानकी को खोजने निकल गए जटायु ने भगवान श्री राम को रावण के सीता के हरण करने की बात बताई। इसके बाद ऋषिमुख पर्वत पर पहुंचते हैं जहां उन्हें सुग्रीव से मिलता होती है।

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