मुक्तिधाम बरहज के अध्यक्ष जयप्रकाश मिश्र को दी गई श्रद्धांजलि।
बरहज, देवरिया। बरहज तहसील के ग्राम परसिया तिवारी के निवासी स्वर्गीय श्री जयप्रकाश मिश्र को दी गई श्रद्धांजलि श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए देवरिया सदर के विधायक सलभ मणि त्रिपाठी, त्रिपाठी ने कहा कि जयप्रकाश मिश्रा जी से हमारे बड़े पुराने संबंध रहे हैं आज हम लोगों के बीच नहीं है उन्होंने उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र से लेकर सामाजिक क्षेत्र में बहुत सारे काम किया जिसका जीता जागता उदाहरण मुक्ति धाम है मैं श्री मिश्रा के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अजय मणि त्रिपाठी प्रधानाचार्य देवरिया ने कहा कि यह जीवन का सत्य है आना और जाना लेकिन किसी का और समय चला जाना बड़ा करता है मैं उनके पुत्र अभिषेक मिश्रा से यह कहूंगा कि जिस तरह से आपके पिताजी बराबर हम लोगों से मिलते जुलते रहते थे आप मिलते-जुलते रहेंगे और उनके यश कीर्ति को आगे बढ़ाएंगे। चिल्लू पार के धरती से आए हुए रामदश विद्यार्थी ने कहा कि, मिश्रा जी से हमारी मित्रता बहुत पुरानी रही है सहकारिता के क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ थी हम लोग भी आवश्यकता पड़ने पर उन्हें याद करते थे और वह हम लोगों का भरपूर सहयोग करते थे। समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष गेंदा लाल यादव ने कहा कि विद्यार्थी जीवन से ही श्री मिश्र से हमारे, अच्छे संबंध रहे हैं मिश्र के निधन, राजनीतिक क्षेत्र में अपूर्णिय क्षति हुई है, उनके संबंध हर जाति और धर्म के लोगों से बड़े अच्छे थे। पत्रकार एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय मिश्रा ने श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मृत्यु लोक में आना और जाना लगा रहता है 1987 से छात्र जीवन से ही जयप्रकाश जी से मेरा घर लगाव था उनके एक आवाज पर हम लोग उनके साथ खड़े होकर काम करते थे आज हम लोगों के बीच नहीं है उनकी यादें शेष रह गई है। कार्यक्रम को मोहन पाठक ,अद्वैत्य कुमार मिश्रा, रमेश सिंह,अभय, पांडे, नरेंद्र तिवारी, पंचानंद दुबे, संजय सिंह, सत्यलोक पांडे, मृत्युंजय तिवारी ,सतीश सिंह, राजेश तिवारी, राघवेंद्र त्रिवेदी, सोमेश्वर तिवारी, अरविंद सिंह ,निशिकांत दीक्षित, गजेंद्र शुक्ला,, सर रितेश मिश्रा, ग्राम परसिया तिवारी के प्रधान प्रतिनिधि धीरेंद्र तिवारी सहित सैकड़ो लोगों ने श्रद्धांजलि सभा को संबोधित किया श्रद्धांजलि सभा के कार्यक्रम का संचालन छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष रामनिवास उपाध्याय ने किया