एसडीएम न्याययिक राजेश अग्रवाल ने न्यायालय मे चल रहे कई पुराने विवादो का स्थलीय निरीक्षण कर किया निपटारा।

 

रिपोर्ट:अशोकश्रीवास्तव ब्यूरोप्रमुख घोसी मऊ।

घोसी। उप जिलाधिकारी न्यायिक घोसी राजेश अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के प्राथमिकता मे शामिल एवं जिलाधिकारी के निर्देशन के क्रम में पुराने मुकदमो का प्रतिदिन स्थलीय निरीक्षण कर कई मुकदमो का निपटारा कर वर्षा से चले आरहे विवादो को समाप्त कराया। साथ ही लोगों के समय एवं धन के बचाने का कार्य किया।

एसडीएम न्याययिक राजेश अग्रवाल ने बताया कि अपने न्यायालय में चल रहे रामजन्म बनाम तिलकू अंतर्गत धारा 176 उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा वर्ष 2011 से लंबित था। जिसकी शीघ्र सुनवाई कर एवं स्थलीय निरीक्षण करने का निर्णय लिया, जहां पर पक्ष मौजूद थे। दोनों के पक्ष सुनने एवं सबूतों के आधार पर निर्णय सुरक्षित रखा। इसी तरह योजित वाद अंतर्गत धारा 116 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 में जयगोपाल बनाम राजाराम 2019 में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में पारित आदेश के अनुपालन में लेखपाल द्वारा बनाए गए कुरा फंट की स्थलीय जांच मौके पर जाकर किया। लेखपाल द्वारा कुरा फंट राजस्व संहिता नियमावली के नियम 109 के तहत सही सही बनाया गया है, निरीक्षण करने के बाद पत्रावली आदेश में सुरक्षित की गई।एक अन्य मुकदमा मे न्यायालय में योजित वाद अंतर्गत धारा 176 जमींदारी विनाश अधिनियम खेतों का विभाजन बैजनाथ बनाम केशव वर्ष 2008 में प्रस्तुत कुरा फंट की स्थलीय जांच मौके पर जाकर की किया। यह वाद 17 वर्षों से लंबित था।निरीक्षणोपरांत पत्रावली आदेश में सुरक्षित की गई।

इस संबंध में एसडीएम न्यायायिक राजेश अग्रवाल ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशन एवं शासन की मांसानुसार वर्षो से लंबित पुराने मुकदमो मे सही निर्णय लेने के क्रम में जिनमें स्थलीय निरीक्षण की आवश्यकता होती है, उनका स्थलीय निरीक्षण कर रहा हूँ। वर्षो से लंबित मुकदमो के चलते दोनों पक्षों में लंबे समय तक विवाद के साथ समय और धन की वर्बादी होती है।

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