भ्रष्टाचार के खिलाफ गरजे आयुर्वेदिक डॉक्टर, सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
आजमगढ़। निजामाबाद तहसील अन्तर्गत फरिहा रेलवे क्रॉसिंग पर स्थित फैजी मेमोरियल चिकित्सालय पर 13 जून को लगभग 12:45 बजे डिप्टी सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार चौधरी अकारण पहुंच कर चिकित्सालय पर ताला लगा दिया और कहा कि आपका चिकित्सालय अवैध है 20 हजार रुपए दीजिए तभी आपके चिकित्सालय का यह ताला खुलेगा वरना आपको चिकित्सालय नहीं चलाने दूंगा। जब चिकित्सालय के चिकित्सक इरफान अहमद ने डिप्टी सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार चौधरी से सीएमओ कार्यालय पहुंच कर इस बाबत पूछा तो डिप्टी सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार चौधरी ने कहा कि पहले तो मैं आपसे 20 हजार रुपए मांगा था तो नहीं दिए अब चिकित्सालय पर ताला लगाने की जानकारी सीएमओ साहब को भी हो गई है इस लिए अब आपको चिकित्सालय पर लगा ताला खुलवाने के लिए 50 हजार रुपए देना होगा और इसी के साथ आपको हमको महीने का भी 20 हजार रुपए देना होगा नहीं तो इसी तरह से आपके चिकित्सालय मेरे द्वारा पर ताला लगाया जाएगा डिप्टी सीएमओ की बात सुनकर चिकित्सक इरफान खान हक्का बक्का हो गए और वहां से वापस अपने चिकित्सालय पर आ गए और इसकी जानकारी अपने आयुर्वेद विभाग के डॉक्टर शैलेश कुमार राय वायस ऑफ आयुर्वेद एवं उपाध्यक्ष आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड उत्तर प्रदेश को पूरी आप बीती बताई।जिसके बाद डॉक्टर शैलेश कुमार राय की अध्यक्षता में आज दिनांक 30 जून को लगभग 11 बजे सैकड़ों डाक्टरों की मौजूदगी में सीएमओ डॉ अशोक कुमार को ज्ञापन दिया और कहा कि डॉक्टर अरविन्द कुमार चौधरी द्वारा धन उगाई के लिए जितने भी चिकित्सालय पर फर्जी तरीके से ताले लगाए गए हैं उसको खोलने के लिए भी सीएमओ डॉ अशोक कुमार से कहा तो पहले सीएमओ आना कानी करने लगे फिर डॉक्टर शैलेश कुमार राय से कहा कि चिकित्सक इरफान अहमद के चिकित्सालय पर जो फर्जी तरीके से धन उगाई की नियत से डॉक्टर अरविन्द कुमार चौधरी द्वारा लगाया गया था उस ताले को आप लोग मेरे कहने पर खोल दीजिए दो दिन पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष ध्रुव सिंह द्वारा भी जिले के सीएमओ डॉ अशोक कुमार और डिप्टी सीएमओ अरविन्द कुमार चौधरी के भ्रष्टाचार के खिलाफ जिलाधिकारी से मिलकर जांच कराने को लेकर शपथ पत्र दिया था। फैजी मेमोरियल चिकित्सालय के चिकित्सक इरफान अहमद ने कहा कि हमने आर टी आई के माध्यम से जब अपने चिकित्सालय को सील होने की जानकारी मांगी तो कुछ दिन बाद आर टी आई से जानकारी मिली कि हमारे चिकित्सालय पर कोई भी सील या ताला नहीं लगाया गया है ।