सचिन शर्मा: “बिना किसी कनेक्शन के बाहरी होना मुश्किल था, लेकिन उसी दौर ने मुझे मजबूत और बेहतर इंसान बनाया”
Sachin Sharma: "Being an outsider with no connections was tough, but that made me a stronger and better person"
मुंबई:सुमन इंदौरी के एक्टर सचिन शर्मा के लिए अभिनय का चस्का तब लगा जब उन्होंने कॉलेज के दिनों में एक नुक्कड़ नाटक किया था। वे याद करते हैं, “मैं इंजीनियरिंग कॉलेज में था जब मैंने पहला नुक्कड़ नाटक किया। तभी महसूस हुआ—यही है जो मुझे करना है।” वही पल उनकी ज़िंदगी का टर्निंग पॉइंट बन गया। फाइनल ईयर तक आते-आते, सचिन ने एक बड़ा फैसला लिया—सब कुछ पीछे छोड़कर अपने सपने को पूरा करने मुंबई आ गए।
मुंबई आने पर उनके पास कोई कनेक्शन नहीं था, न कोई जान-पहचान, यहाँ तक कि उनके माता-पिता को भी पता नहीं था कि वो कहाँ हैं। शुरुआती दिन आसान नहीं थे। सचिन कहते हैं, “बिना किसी कनेक्शन के बाहरी होना वाकई बहुत मुश्किल था। लेकिन उसी समय ने मुझे मजबूत और बेहतर इंसान बनाया।”
उनकी जर्नी में सुमन इंदौरी एक खास मोड़ साबित हुआ। “इस रोल ने मुझे बतौर अभिनेता बढ़ने का मौका दिया। मैंने बहुत कुछ सीखा और मेरी आत्मविश्वास की स्थिति तब से अब बहुत बदल चुकी है।”
इस बदलाव का श्रेय वो खासतौर पर अपने डायरेक्टर यूसुफ सर को देते हैं। “यूसुफ सर मेरे लिए एक आशीर्वाद की तरह हैं। उन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मेरे अंदर की सबसे अच्छी परफॉर्मेंस को बाहर निकाला।”
भले ही रास्ता मुश्किलों से भरा रहा हो, लेकिन सचिन का खुद पर विश्वास कभी डगमगाया नहीं। “रिजेक्शन ने मुझे और मजबूत बनाया। मैंने हमेशा खुद से कहा—हालात जैसे भी हों, एक दिन मैं जरूर पहुंचूंगा।”
सचिन कहते हैं कि अब तक का सबसे बड़ा सबक यही है: “हर दिन कुछ नया सीखो। लगातार काम करते रहो, फोकस्ड और अनुशासित रहो—तो जो चाहो वो जरूर मिलेगा।”
वो अपने परिवार के बिना इस जर्नी की कल्पना भी नहीं कर सकते। “मेरे माता-पिता मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं। उनका भरोसा ही मुझे आगे बढ़ने की हिम्मत देता है।”
उभरते कलाकारों को सचिन एक सच्ची सलाह देते हैं: “खुद पर भरोसा रखो और अपने लक्ष्य पर डटे रहो। ये इंडस्ट्री कठिन है, लेकिन नामुमकिन नहीं। मैं यह साबित करना चाहता हूं कि अगर हार नहीं मानो, तो एक बाहरी भी इस इंडस्ट्री में राज कर सकता है।”