Maharashtra news:पत्रकार विनोद यादव का अनिश्चितकालीन धरना पांचवें दिन में प्रवेश,भ्रष्टाचार और अवैध निर्माण के खिलाफ जनआंदोलन तेज
Journalist Vinod Yadav's indefinite strike in Vasai-Virar enters the fifth day, public movement against corruption and illegal construction intensifies
पालघर (महाराष्ट्र), 04 जुलाई – वसई-विरार
महानगरपालिका क्षेत्र में तेजी से फैलते अनधिकृत निर्माण और उससे जुड़े भ्रष्टाचार के खिलाफ पत्रकार विनोद यादव का धरना प्रदर्शन लगातार पांचवें दिन भी जारी रहा। वर्षों से पत्रकारिता के माध्यम से जनहित और सच की आवाज उठाने वाले विनोद यादव ने अब कलम छोड़कर संघर्ष का रास्ता अपनाया है। उनका यह आंदोलन अब धीरे-धीरे एक जनआंदोलन का स्वरूप लेता जा रहा है, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता, नागरिक और पत्रकारों का व्यापक समर्थन मिल रहा है।
धरना स्थल बना संघर्ष का केंद्र
नगरपालिका मुख्यालय के बाहर तिरंगे और हाथ में पोस्टर लिए विनोद यादव दिन-रात अनशन पर बैठे हैं। उनके पोस्टरों पर लिखे नारे – “भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त करो”, “अवैध निर्माण बंद करो – नियमों का पालन करो”, “सच की लड़ाई में साथ दो” – एक मजबूत जनचेतना का आह्वान करते हैं।
धरने का मुख्य मुद्दा है – नगरपालिका अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहे अवैध निर्माण, जिनमें लाखों-करोड़ों रुपये की घूस और राजनीतिक संरक्षण का आरोप है। विनोद यादव का कहना है कि वसई-विरार जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में अवैध दुकानें, बहुमंजिला इमारतें और व्यावसायिक निर्माण न केवल नियमों की अवहेलना हैं, बल्कि नागरिकों की जान को भी खतरे में डालते हैं।
RTI और शिकायतों के बावजूद प्रशासन मौन
विनोद यादव ने बताया कि उन्होंने पिछले कई वर्षों से इस मुद्दे को लगातार उठाया – महानगरपालिका को लिखित शिकायतें दीं, आरटीआई दाखिल की, दर्जनों मीडिया रिपोर्ट प्रकाशित कीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारियों की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार से तंग आकर अंततः उन्होंने 30 जून से आमरण अनशन और धरना प्रदर्शन शुरू किया।
उनका कहना है, “यह सिर्फ अनधिकृत निर्माण की बात नहीं है, यह पूरे सिस्टम की जवाबदेही की लड़ाई है। अगर आज हम चुप रहे, तो कल हर गली-मोहल्ला हादसों का केंद्र बन जाएगा। यह भ्रष्टाचार सिर्फ सीमेंट और ईंट का नहीं, बल्कि इंसानी जानों के साथ खिलवाड़ है।”
जनता का समर्थन और सोशल मीडिया पर लहर
विनोद यादव के आंदोलन को जनसमर्थन मिलना शुरू हो गया है। कई सामाजिक कार्यकर्ता, आम नागरिक, वरिष्ठ पत्रकार और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि धरना स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन जता चुके हैं।
सोशल मीडिया पर भी आंदोलन को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #VinodYadavSatyaKiLadai, #StopIllegalConstruction और #VVMCCorruption जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ विनोद यादव की इस लड़ाई को “नए जमाने का सत्याग्रह” बता रहे हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
धरने को पांच दिन बीत जाने के बाद भी वसई-विरार महानगरपालिका प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया या कार्रवाई नहीं हुई है। अधिकारी या तो मौन हैं या जिम्मेदारी एक-दूसरे पर टाल रहे हैं। इससे लोगों में नाराजगी और असंतोष तेजी से बढ़ रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अगर प्रशासन ने इस जनआंदोलन की अनदेखी की, तो स्थिति और भी विस्फोटक हो सकती है। आंदोलन के व्यापक होते ही अब यह मांग भी उठ रही है कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ तत्काल जांच हो और अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जाए।
“यह सिर्फ मेरी नहीं, पूरे शहर की लड़ाई है” – विनोद यादव
धरने पर बैठे विनोद यादव भावुक होकर कहते हैं, “मैं यह लड़ाई सिर्फ अपने लिए नहीं लड़ रहा, बल्कि हर उस नागरिक के लिए लड़ रहा हूं जो सुरक्षित, साफ-सुथरे और कानून के शासन वाले शहर में जीना चाहता है। अगर आज हम खामोश रहे, तो कल हमारे बच्चों को इस गंदे सिस्टम में जीना पड़ेगा।”
वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार मिश्रा का कहना है.
पत्रकार विनोद यादव का यह आंदोलन सिर्फ अनधिकृत निर्माण के खिलाफ विरोध नहीं है, बल्कि यह सच्चाई, जवाबदेही और कानून के राज की लड़ाई है। वसई-विरार के नागरिकों को तय करना होगा कि वे इस आंदोलन को सिर्फ एक पत्रकार की जिद मानेंगे या आने वाले भविष्य के लिए एक नई शुरुआत।