दुलदुल जुलूस निकालकर पेश की गई शहीदा-ए-कर्बला को खिराज-ए-अकीदत 

जुलूस में हजारों की संख्या में शामिल रहे अकीदतमंद  सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत पुलिस के जवानों की रही तैनाती 

 

भदोही। मोहर्रम के 8वीं तारीख यानी शुक्रवार को नगर जमुंद मोहल्ले से दुलदुल कमेटी के अध्यक्ष अख्तर खां के नेतृत्व में दुलदुल का ऐतिहासिक जुलूस निकाला गया। जुलूस में युवाओं संग बच्चों का हुजूम उमड़ पड़ा। वहीं काफी संख्या में बुजुर्ग भी जुलूस में शामिल रहें। जुलूस को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक बंदोबस्त किए गए थे।

इस दौरान दुलदुल का जुलूस नगर के जमुंद मोहल्ले से निकलकर गोरियाना, पचभैया, मलिकाना, कसाई टोला से अपने परंपरागत रास्ते से होते हुए मेन रोड तकिया कल्लन शाह के पास पहुंचा। वहां पहुंचने में दुलदुल को शाम हो गई। उसके बाद दुलदुल का जुलूस अज़ीमुल्लाह चौराहा, भरत तिराहा से कर्बला पहुंचा। दुलदुल जुलूस में काफी संख्या में नौजवान ढोल-नगाड़े के साथ शामिल हुए। जो कुछ-कुछ दूर पर झुंड बनाकर ढोल-ताशे बजाते रहें। डीजे के साथ तो सैकड़ों की संख्या में युवा या हुसैन या हुसैन के नारे बुलंद करते हुए चल रहे थे। दुलदुल के जुलूस को देखने और उसे दूध-जलेबी खिलाने के लिए सड़कों के किनारे से लेकर लोगों के घरों के चबूतरे तक महिलाओं के साथ ही साथ पुरुषों की काफी भीड़ देखी गई। अकीदतमंदों ने दुलदुल को दूध-जलेबी खिलाकर व नीबू लेकर मन्नतें मांगी। जिनकी मन्नतें पूरी हो गई थी। उनके द्वारा चादर व चांदी का पंजा चढ़ाया गया। मन्नतें मांगने वालों में मुस्लिम सहित हिंदू महिलाओं की भी संख्या कम नहीं थी। वें भी अपनी आस्था लिए दुलदुल के आने का इंतजार कर रहीं थीं। जैसे ही दुलदुल उनके पास पहुंचा तो उनके द्वारा दूध-जलेबी खिलाकर मन्नतें मांगी। जुलूस में अखाड़ा के भी खिलाड़ी शामिल रहें। जो बीच-बीच में अपने कला कौशल का प्रदर्शन करते रहें। अकीदतमंदों ने दुलदुल का जुलूस निकालकर शहीदा-ए-कर्बला को खिराज-ए-अकीदत पेश किया। दुलदुल जुलूस के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।

इस मौके पर सभासद गुलाम हुसैन संजरी, अलाउद्दीन इमरान खां, फखरे संजरी, अजीज खां बाबू, गुड्डू संजरी, फैसल खां, शाहिद सिद्दीकी, खुर्शीद खां, हैदर संजरी, अफजल खां, अल्तमश अंसारी, सोनू बाबा, कमाल खां, असलम खां, बदरे आलम, अमान खां, सेराजर्रसूल सिद्दीकी, औरंगजेब अंसारी, क़य्यूम खां, आसिफ खां, वमिक शेख, नौशाद अली, शमशेर खां, शेर खां, हसनैन सिद्दीकी, छोट्टन खां, जिया सिद्दीकी, गुलाब राइन, सैफुल्लाह अंसारी, चांद बाबू, फ़तेह खां, आदि लोग उपस्थित रहें।

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