राम विवाह की कथा सुन विभोर हुए श्रद्धालु राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केवल एक नीति नहीं बल्कि भारत को ज्ञान आधारित मां शक्ति बनाने का संकल्प है प्रोफेसर अर्जुन मिश्रा
National Education Policy 2020 is not just a policy but a resolve to make India a knowledge-based superpower - Prof. Arjun Mishra
ज्ञान, कौशल और मूल्य आधारित शिक्षा के नए युग की शुरुआत है एनईपी 2020 – प्रो.शम्भुनाथ तिवारी
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर-प्रदेश के बैनर तले आयोजित हुआ कार्यक्रम
देवरिया।
बरहज :स्थानीय बाबा राघवदास भगवानदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय आश्रम में बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पांच वर्ष पूर्ण होने पर उसकी उपलब्धियां विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर-प्रदेश के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सन्तविनोबा स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवरिया के प्राचार्य तथा भारतीय शिक्षण मंडल गोरक्ष प्रांत के उपाध्यक्ष प्रो०अर्जुन मिश्र ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केवल एक नीति नहीं, बल्कि भारत को ज्ञान आधारित महाशक्ति बनाने का संकल्प है। उन्होंने कहा कि पाँच वर्ष पहले केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी थी। इस नीति ने शिक्षा व्यवस्था को जड़ों से बदलने की दिशा में कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। पाँच वर्षों में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ दर्ज हुई हैं। प्राथमिक से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा को बाल विकास की मनोवैज्ञानिक अवस्थाओं के अनुरूप बनाया गया। शिक्षा को रटने से हटाकर क्रिटिकल थिंकिंग, रचनात्मकता और नैतिक मूल्यों पर केंद्रित किया गया। उच्च शिक्षा में लचीलापन लाते हुए छात्रों को किसी भी वर्ष पर पढ़ाई रोकने या पुनः शुरू करने की सुविधा मिली।अनुसंधान और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए देशभर के विश्वविद्यालयों में प्रारंभ हुआ।
कहा कि मातृभाषा और भारतीय भाषाओं में शिक्षा की पहल से विद्यार्थियों को जड़ों से जोड़ा गया। स्कूल स्तर पर व्यावसायिक पाठ्यक्रम जोड़े गए, जिससे रोजगारोन्मुख शिक्षा को बढ़ावा मिला।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.शम्भुनाथ तिवारी ने कहा कि NEP 2020 के कारण न केवल साक्षरता दर और नामांकन अनुपात बढ़ा है, बल्कि छात्रों की सीखने की क्षमता और रोजगार कौशल में भी सुधार हुआ है। यह नीति शिक्षा को केवल डिग्री प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि जीवन-कौशल और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप बनाने का माध्यम बन चुकी है। शुरुआत अतिथियों के द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित करके हुआ। मंगलाचरण विनय कुमार मिश्र ने तथा सरस्वती वंदना कुमारी ज्योति गुप्ता ने प्रस्तुत किया। संचालन राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ.अरविन्द पांडेय ने किया। मुख्य अतिथि को अंग वस्त्र तथा पुष्प गुच्छ देकरके प्राचार्य ने सम्मानित किया। कार्यक्रम को प्रो०दर्शना श्रीवास्तव, प्रो०आरती पांडेय, डॉ०आभा पांडेय, डॉ०राकेश कुमार सिंह, डॉ० वेद प्रकाश सिंह ने संबोधित किया।डॉ०धनन्जय तिवारी एवं प्रदीप शुक्ला ने भजन प्रस्तुत किया। इस दौरान प्रमुख रूप से प्रो०सूरज गुप्ता, डॉ०मंजू यादव, डॉ०प्रज्ञा तिवारी, डॉ०अनुज श्रीवास्तव, डाॅ.विवेकानन्द पांडेय, डॉ०सज्जन गुप्ता, सोनाली सोनकर, खुशबू सोनकर मौजूद रही।