आजमगढ़ के शेखपुरा में पति-पत्नी विवाद बना चर्चा का विषय, पीड़िता ने न्याय की लगाई गुहार,शादी स्वीकारने से इनकार पर भड़की पत्नी
Husband left the second wife, refused to keep the deceased dependent of the first wife after getting a job
परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज कराने पहुंची पीड़िता, ग्राम सभा में रो-रोकर सुनाई आपबीती।पीड़िता को गांव वालों का मिलन समर्थन
रिपोर्ट:चन्द्रेश यादव
अतरौलिया/आजमगढ़: थाना क्षेत्र के शेखपुरा गांव में पति-पत्नी के विवाद का मामला चर्चा का विषय बन गया। यहां नौकरी की लालच में पति ने दुसरी पत्नी को रखने से इनकार कर दिया। पीड़िता न्याय की गुहार लगाते हुए सोमवार को परिवार रजिस्टर में अपना नाम दर्ज कराने ग्राम सचिव के पास पहुंची। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शेखपुरा निवासी प्रदीप कनौजिया पुत्र सभाजीत की पहली शादी शशिकला से हुई थी। शशिकला अध्यापिका थीं जिनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद प्रदीप को मृतक आश्रित कोटे से नौकरी मिली। पहली पत्नी के निधन से पहले ही प्रदीप का संबंध सेमरी आज़मगढ़ निवासी सोनी पुत्री दुलारे कनौजिया (शेखपुरा) से हुआ। सोनी की भी शादी वर्ष 2015 में जलालपुर निवासी से हुई थी। सोनी की दूसरी शादी प्रदीप से वर्ष 2022 में भैरव बाबा मंदिर पर दोनों ने आपसी सहमति से शादी की। सोनी का आरोप है कि प्रदीप ने कोर्ट मैरिज का हवाला देकर लगातार चार साल तक उसके साथ दांपत्य संबंध बनाए। किराए के मकान में इधर-उधर रखता रहा लेकिन नौकरी मिलने के बाद अब पत्नी के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर रहा है।सोनी का कहना है कि प्रदीप और उसके परिजन लगातार उसे धमकी देते हैं और मारपीट भी करते हैं। न्याय की आस में वह शेखपुरा ग्राम सचिव के पास परिवार रजिस्टर में अपना नाम दर्ज कराने पहुंची। पीड़िता ने बताया कि प्रदीप ने उससे चार लाख रुपए भी लिए हैं और जब मेरा गर्भ रुका था तो दवाई खिलाकर गर्भपात करवा दिया, इनकी नौकरी पूरी तरीके से सरकार को धोखा रखकर प्राप्त हुई है और जब से यह नौकरी मिली है किसी और लड़की के चक्कर में मुझे छोड़ रहा है ।मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्राम प्रधान सुरजीत कुमार की अध्यक्षता में गांव में खुली बैठक बुलाई गई। बैठक में पीड़िता ने रो-रोकर अपनी आपबीती सुनाई।, जहां बैठक के दौरान दोनों पक्ष में काफी गरमा गर्मी रही ।ग्राम प्रधान ने बताया कि शादी मंदिर में हुई थी और मामला फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है।ग्राम सभा के अन्य सदस्यों राघवेंद्र सिंह और हेमंत कुमार सिंह ने भी कहा कि दोनों पक्षों में विवाह हुआ है, किंतु विवाद गहराने के कारण समाधान न्यायालय से ही संभव है।पीड़िता ने प्रशासन से न्याय दिलाने और परिवार रजिस्टर में अपना नाम दर्ज कराने की मांग की है। पीड़िता ने यह भी आशंका जताई कि उसे जान से मार दिया जा सकता है।