अतरौलिया में राष्ट्रीय पोषण माह पर संगोष्ठी, आंगनवाड़ी बहनों ने लगाई प्रदर्शनी

अतरौलिया (आजमगढ़)ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान एवम् फोर्सेस उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में संस्थान द्वारा ब्लॉक सभागार अतरौलिया के प्रांगण में आगनवाड़ी बहनों के साथ राष्ट्रिय पोषण माह पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसके मुख्य अतिथि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अतरौलिया से अधीक्षक हरिश्चंद्र, एचईओ जितेंद्र कुमार, बीसीपीएम सुरेश पांडेय जी उपस्थित रहे। इस अवसर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने रंगोली बनाने के साथ – साथ पोषण से भरपूर साग, सब्जी एवं फलों की प्रदर्शनी भी लगाया। संस्थान के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजदेव ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से देश को कुपोषण से मुक्त करने के लिए, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत राज विभाग के साथ – साथ टेक्नोलॉजी के सही प्रयोग के माध्यम से काफी सफलता हासिल हुई है । राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण ( एनएफएचएस-5, 2019-21) के अनुसार, पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बौनापन 38.4% से घटकर 35.5% हो गया है। एनएफएचएस- 5 रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चों में कम वजन के मामले 35.8% से घटकर 32.1% हुए हैं। लेकिन अभी और भी प्रयास करना है । बीसीपीएम सुरेश पांडेय जी द्वारा बताया गया कि एक दिन में हम जितना कार्य करते हैं उसी अनुपात में संतुलित आहार भी लेना चाहिए । जब आप स्वाद रहित भोजन करेंगे तो वह आपके स्वास्थ्य के लिए सही होगा । एचईओ जितेंद्र कुमार द्वारा बताया गया कि भारत जैसे देश में आज भी कुपोषण एक गंभीर समस्या है। कुपोषण के कारण बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है और वे विभिन्न बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। पोषण के सही स्तर को बनाए रखना न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। अधीक्षक हरिश्चंद् द्वारा बताया गया कि इस राष्ट्रीय पोषण माह को सफल बनाने में आप सभी बहनों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। पौष्टिक आहार राष्ट्रीय पोषण माह से आप भी अपने सेहत के प्रति सचेत होते हुए आहार में पौष्टिक चीजों को शामिल करें। कुछ ऐसे आहार हैं, जिनका नियमित सेवन काफी स्वास्थ्य लाभ दे सकता है। इसमें हरी सब्जियां, दही, दालें, मोटे अनाज, फल आदि शामिल हैं। हमें अपने पोषण के लिए बाजार की चीजों को नहीं खाना चाहिए । घर के अंदर की चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करना है। और इसके साथ – साथ स्वच्छता का भी ध्यान देना है। पहले कुपोषण की समस्या ज्यादा थी लेकिन अब उस स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। कार्यक्रम के अंत में एक गर्भवती महिला का गोदभराई कार्यक्रम तथा एक बच्चे का अन्नप्राशन कराया गया व संस्था के द्वारा चलाए जा रहे हेल्थ एंड न्यूट्रिशन प्रोग्राम के माध्यम से कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों की रियल फ्रूट जूस का वितरण किया गया।

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