आजमगढ़ में बुलडोजर विवाद:SDM सुनील कुमार धनवंता पर धरोहर तोड़ने का आरोप,MLC रामसूरत राजभर का हमला,“भ्रष्ट अफसर सरकार को बदनाम कर रहे”
ऐतिहासिक धर्मशाला और स्नानघर बुलडोजर से गैर कानूनी तौर से गिराना अत्यंत निंदनीय - MLC रामसूरत राजभर ,हिंदू धार्मिक स्थल पर रात के अंधेरे पर बुलडोजर चलवाना, एसडीएम की तानाशाही

आज़मगढ़। जिले के फूलपुर पवई विधानसभा के कोतवाली क्षेत्र के जगदीशपुर में सोमवार रात ऐतिहासिक पोखरा के स्नानघर को तोड़ने के प्रयास से हड़कंप मच गया। विवादित जमीन पर बुलडोजर चलने से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया, जिसके बाद प्रशासनिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की और धरोहर की सुरक्षा का आश्वासन दिया।इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य रामसूरत राजभर ने कहा कि सोमवार रात दबंगों और प्रॉपर्टी डीलरों के पक्ष में निजामाबाद एसडीएम सुनील कुमार धनवंता के द्वारा बुलडोजर लगाकर जगदीशपुर स्थित ऐतिहासिक पोखरा के स्नानघर को तोड़ा गया।जब स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी हुई तो लोगों ने विरोध किया तब जाकर एसडीएम पुलिस बल लेकर वापस गए। यह उनकी कुत्सित मानसिकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि एसडीएम निजामाबाद सुनील कुमार धनवंता लगातार विवादों में घिरे रहते हैं, मेरे संज्ञान में आते ही तत्काल आजमगढ़ के जिलाधिकारी और कमिश्नर से फोन पर वार्ता किया।जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के द्वारा आश्वासन दिया गया है की जांच कर कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी।आगे एमएलसी ने कहा कि अगर कठोर कार्रवाई नहीं होगी तो मुख्यमंत्री से मिलकर पूरे प्रकरण को अवगत कराकर धार्मिक स्थलों पर गैर कानूनी तरीके से व्यक्तिगत लाभ दिलाने के लिए बुलडोजर चलाने वाले अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करूंगा।भाजपा एमएलसी के वार्ता के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने निरीक्षण किया है। रिपोर्ट तैयार कर कर उच्च अधिकारी को सौंपेंगेमंगलवार को एडीएम, सीआरओ और अपर आयुक्त अर्चना द्विवेदी भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के बयान दर्ज किए।एमएलसी राम सूरत राजभर ने आगे कहा इस तरह की मनमानी योगी सरकार में नहीं चलने वाली है, विधि व्यवस्था के अंतर्गत एसडीएम को निर्णय लेना चाहिए, रात के अंधेरे में किसी भी प्रकार का बुलडोजर चलाना गैरकानूनी है। योगी सरकार में सबको न्याय मिलने की उम्मीद है। लेकिन ऐसे भ्रष्ट अधिकारी बैठकर सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐतिहासिक धरोहरों को इस प्रकार से तोड़ना अत्यंत निंदनीय है, बिना उच्च अधिकारी और संबंधित को अवगत कराए किस नियम के तहत एसडीएम पुलिस बल के साथ बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंच गए। वह इस धार्मिक स्थल से जुड़े लोगों को बताएं ।पूर्व में भी इस पर जमीन प्रॉपर्टी का व्यवसाय करने वालों की नजर रही है, जिसको मैंने सोचा संज्ञान में लेकर उच्च अधिकारियों से वार्ता किया था। जगदीशपुर की बेशकीमती जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इस जमीन पर सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट में मुकदमा विचाराधीन है तथा मंडलायुक्त द्वारा स्टे भी दिया गया है। बावजूद इसके, दबंगों ने आंशिक तोड़फोड़ कर जमीन पर कब्जे की कोशिश की, जबकि ग्राम प्रधान का कहना है कि जिस हिस्से में पोखरा और स्नानघर स्थित हैं, उसमें कोई विवाद नहीं है।



