Azamgarh news:मोलनापुर का मेला बना चर्चा का विषय,जानिए क्यों झुकते हैं यहाँ सबके सिर 

Molnapur fair becomes a topic of discussion, know why everyone bows their heads here.

रिपोर्ट:चन्द्रेश यादव

कप्तानगंज/आजमगढ़: मोलनापुर गांव एक बार फिर से जगमगा उठने वाला है, क्योंकि इस बार फिर लगने जा रहा है बुढ़नपुर तहसील क्षेत्र के मोलनापुर नत्थनपट्टी गाँव का ऐतिहासिक मेला, जो आयोजित होगा 13 अक्टूबर, सोमवार को, हर साल की तरह इस बार भी पूरे क्षेत्र में उत्साह और उमंग का माहौल है। गांव के निवासी समाजसेवी दिवाकर मौर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मेला सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि एकता, भाईचारे और संस्कृति का प्रतीक है, उन्होंने कहा बाबा गौतम बुद्ध के दरबार में कोई छोटा हो या बड़ा — सब लोग एक समान भाव से सर झुकाते हैं। यही इस मेले की असली पहचान है समरसता और शांति का संदेश। इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि यहाँ किसी देवी-देवता की नहीं, बल्कि गौतम बुद्ध की प्रतिमा स्थापित की जाती है। यही कारण है कि मोलनापुर का यह मेला पूरे इलाके में शांति, करुणा और समानता का प्रतीक बन चुका है। मेले में दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं रंग-बिरंगी दुकानें, झूले, मिठाइयाँ, खेल और लोकगीतों की धुनें इस आयोजन को और भी खास बना देती हैं। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी इस दिन का इंतज़ार पूरे साल करते हैं। गांव के लोग इसे सिर्फ मेला नहीं, बल्कि गौरव और आस्था का पर्व मानते हैं। इस वर्ष के मेले में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि संतोष यादव (बुढ़नपुर), चेयरमैन प्रतिनिधि गुडलक सिंह, वक्ता उदयराज यादव, डॉ. बलीराम (पूर्व सांसद) और पूर्व सांसद संगीता आजाद। समाजसेवी दिवाकर मौर्य ने कहा हम सभी ग्रामवासी एक साथ मिलकर इस परंपरा को जीवित रखे हुए हैं। हमारा उद्देश्य है कि आने वाली पीढ़ियां भी इस मेले के माध्यम से हमारी संस्कृति और शांति के संदेश को आगे बढ़ाएं। उन्होंने सभी दुकानदारों और आसपास के ग्रामीणों से भी अपील की कि

वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस मेले में शामिल होकर इसे सफल बनाएं, मोलनापुर गांव

जहाँ शांति, आस्था और एकता का संगम देखने को मिलेगा। उन्होंने सभी से निवेदन किया कि आइए इस ऐतिहासिक मेले का हिस्सा बनें और बाबा गौतम बुद्ध के दरबार में सर झुकाकर शांति, करुणा और सद्भाव का संदेश घर-घर तक पहुंचाएं।

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