Azamgarh News: अर्चिशा फाउंडेशन की 12वीं वर्षगाँठ पर पौध वितरण एवं पोषण वाटिका स्थापित, किसानों और पर्यावरण के प्रति समर्पण का अनोखा संदेश

आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय

आज़मगढ़ जनपद में अपनी जन्मभूमि से गहरा भावनात्मक जुड़ाव रखने वाली अर्चिशा फाउंडेशन की संरक्षिका श्रीमती मनसा सिंह ने फाउंडेशन की 12वीं वर्षगाँठ पर ॐ महर्षि देवराज इंटर कालेज, मझगवां रानी की सराय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान आम्रपाली आम, कटहल, अमरूद, अनार, नीम, पीपल सहित अनेक फलदार एवं छायादार पौधों का निःशुल्क वितरण किया गया। साथ ही विद्यालय परिसर में पोषण वाटिका की स्थापना की गई। इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, फलोत्पादन को बढ़ावा देना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आईएफएस एवं डीएफओ आज़मगढ़ सुश्री आकांक्षा जैन रहीं। उन्होंने मनसा सिंह के पर्यावरण एवं सामाजिक योगदान की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानित किया। विशेष अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) श्री उपेंद्र कुमार ने भी मनसा सिंह के कार्यों को युवाओं और किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बताया। कार्यक्रम में नीरज कुमार सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजकीय डिग्री कॉलेज सैदाबाद प्रयागराज विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
आज़मगढ़ में जन्मीं मनसा सिंह, स्व. विश्राम सिंह और श्रीमती रामरती देवी की पुत्री हैं। बचपन से ही उनका रुझान पर्यावरण, पेड़ों और प्रकृति से रहा, जो आगे चलकर अर्चिशा फाउंडेशन के रूप में फलीभूत हुआ। प्रयागराज से शुरू हुआ यह संगठन आज राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण, शिक्षा और सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है। हाल ही में प्रयागराज में आयोजित चौथे राष्ट्रीय समागम में फाउंडेशन ने सात भावी लक्ष्यों को प्रस्तुत किया था। जिसमें चौराहों पर ग्रीन छतरी योजना,सड़कों पर त्रिस्तरीय वृक्ष पंक्ति योजना,नदी तटों पर दूब परत बिछाने की योजना तथा गांव की मेड़ों पर करौंदा हेज,ग्रामीण पगडंडियों पर कृषि-बागवानी मॉडल,तालाबों के पुनरुद्धार हेतु हरित सरोवर योजना,श्मशान घाटों पर पीपल–नीम रोपण अभियान।
आज के इस कार्यक्रम में राघवेन्द्र सिंह, संजय चौहान, रामू चौहान, अंबिका सिंह, साधना चौहान, जलसा सिंह, शिवानी, रूसम, मनोरमा सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।पूरे आयोजन का संचालन एवं व्यवस्था विद्यालय प्रबंधक हरिओम सिंह द्वारा की गई।अर्चिशा फाउंडेशन के इस प्रयास ने न केवल किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हरित भविष्य का संदेश भी दिया है।

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