Deoria news, अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के शहादत दिवस पर विशेष

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अमर शहिद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के शहादत दिवस पर विशेष।
देवरिया।
भारत माता का आशय भारत देश से है भारत माता पर प्राण निछावर कर देने वाले उदंत भावना देशभक्ति की बाल बेदी पर हंसते-हंसते प्राण उत्सर्ग कर देने वाले महापुरुषों को देशभक्त कहते हैं , उनकी मौत शहादत कही जाती है ऐसे वीरगति पानी वाले को शहिद कहते हैं बलिदानी कहते हैं पंडित राम प्रसाद बिस्मिल ऐसे ही अमर शहीदों में है जिनकी 19 दिसंबर 1927 दिन सोमवार को प्रातः काल 6:00 काकोरी केस में गोरखपुर जेल में फंसी हुई थी आश्रम बरहज और बाबा राघव दास से उनका गहरा संबंध और लगाव था पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के फांसी के बाद बाबा राघव दास जी ने गार्जियन बनाकर के पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का अंतिम संस्कार गोरखपुर के राप्ती के तट पर किया और चिता भस्म को लाकर आश्रम बरहज में उनकी समाधि स्थापित की उसे बिस्मिल की समाधि कहा जाता है सन 1942 में इसी समाधि के कारण बाबा जी का संबंध अन्य क्रांतिकारियों से बताया गया है और उन्हें क्रांतिकारी कहा गया है समाधि की स्थापना के बाद कैप्टन मुर द्वारा आश्रम की उद्योगशालाएं जलाई गई, संस्थानों पर ताला लगा, दिया गया और आश्रम को गैर कानूनी घोषित कर दिया गया समाधि के उत्तर तरफ पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की मूर्ति लगी है प्रतिवर्ष दिसंबर माह में शहीद मेला लगता है बलिदानों की अभिलाषाएं सरकार होती हैं बिस्मिल की वह पंक्ति
शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले ।
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशा होगा।।
पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, के, पूर्वज ग्वालियर राज्य के निवासी थे किंचित कारणों से वे जाकर शाहजहांपुर में बस गए थे उनके पिता का नाम मुरलीधर था बिस्मिल ने आर्य सामाजिक शिक्षा प्राप्त की थी मैनपुरी षडयंत्र में भी, पंडित राम प्रसाद सक्रिय योगदान किए थे तदुपरांत यह फरार हो गए थे इनका फरारी जीवन बड़ा कठिन था इन दिनों तक खाना नहीं मिल पाता था हमेशा पुलिस पीछे पड़ी रहती थी शाहजहांपुर आने पर शहर वाले लोग इनके पास तक नहीं खड़े होते थे संसार उन्हें अंधेरा सा लगने लगा था फिर भी किसी तरह से दिन बिता रहे थे इसी बीच कई पुस्तक भी उन्होंने लिखी उत्तर प्रदेश में क्रांति दल के पुनर्गठित होने पर राम प्रसाद बिस्मिल का साथ योगेश चंद्र चटर्जी से हो गया और यह इस बड़े दल में सम्मिलित हो गए अपने क्रांतिकारी मित्रों के साथ काकोरी ट्रेन को लूट लिया जिसमें आगे चलकर गिरफ्तार हुए माह दिसंबर 19 तारीख गोरखपुर जेल की चार दिवारी के चारों तरफ कड़ा पहरा प्रातः, नित्य कर्म संध्या वंदन आदि से निवृत हो फांसी की प्रतीक्षा में बैठे काकोरी षड्यंत्र के मुख्य नेता पंडित राम प्रसाद बिस्मिल दृढ़ता और भारत माता की जय की ध्वनि करते हुए फांसी के तख्ते पर हाजिर होकर गरज पड़े फांसी से पहले उन्होंने प्रार्थना कर सदा के लिए चिर निद्रा ने उन्हें अपनी गोद में ले लिया इनका जीवन देश के लिए समर्पित रहा मातृभूमि के प्रति भक्ति उनमें कूट-कूट कर भरी थी इसके प्रमाण बहुत सटीक मिलते हैं फांसी की पूर्व संध्या पर जब उन्हें दूध पीने को दिया गया तो उन्होंने इनकार कर दिया और कहा कि अब तो मैं भारत माता का दूध पियूंगा फांसी के कुछ दिन पूर्व अपने मित्र को लिखे पत्र में अपनी जन्मभूमि से लगाव को व्यक्त किया है। यदि देश हित मरना पड़े मुझको शहस्त्रों बार भी,
तो भी न इस कष्ट को निज ध्यान में लाऊ कभी।
है ईश भारतवर्ष में सतबार मेरा जन्म हो, कारण सदा ही मृत्यु का देशों पकारक कर्म हो।।
जब हम अनंत आश्रम के क्रांतिकारी इतिहास की ओर झाकते हैं यहा इतना ही, संकेत काफी है कि इससे क्रांतिकारियों का बड़ा लगाव था पंडित राम प्रसाद बिस्मिल चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारी यहां आते रहते थे इस रज कण को सभी प्रेरणा शक्ति मानकर अपने माथे लगते थे यही कारण है की कटोरी के अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल इस समाज बाबा राघव दास जी ने यही बनवाई बाबा राघव दास संत होते हुए भी क्रांतिकारियों का देश की आजादी के लिए निरंतर सहयोग करते रहे और खुद को 9 बार जेल गए बाबा जी का भी जीवन बड़ा अद्भुत था आज भी शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक धार्मिक राजनीतिक सांस्कृतिक क्षेत्र में अनंत पीठ अपनी अग्रणी भूमिका निभाता है आश्रम के वर्तमान पीठाधीश्वरआजनेय दास जी, महाराज के निर्देशन में 19 दिसंबर 2025 को पंडित राम प्रसाद शहीद दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
अमरदीप आश्रम बरहज का युग युग जलता जाए। अंधकार पीडि़त मानव को संबल मिलता जाए।।

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