Azamgarh News: हरिहरपुर में अवैध निर्माण पर एडीए की बुलडोजर कार्रवाई, कई सवालों के घेरे में प्रशासन

आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय

आजमगढ़ जनपद के सदर तहसील अंतर्गत ग्राम हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय के सामने बने दो नवनिर्मित मकानों पर आजमगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) द्वारा की गई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंगलवार की सुबह करीब 5 बजे कड़ाके की ठंड के बीच भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बुलडोजर चलाया गया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया और देखते ही देखते बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए।
पीड़ितों में शामिल भाजपा बूथ अध्यक्ष एवं किसान मोर्चा अध्यक्ष बृजेश गौड़ ने आरोप लगाया कि एडीए द्वारा न तो पूर्व में कोई विधिवत सूचना दी गई और न ही अपना पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर मिला। उन्होंने बताया कि 21-22 दिसंबर की रात उनके मकान पर निर्माण रोकने और अन्यथा की स्थिन्त में जुर्माने की नोटिस चस्पा की गई थी, जिसे 22 दिसंबर की सुबह उन्होंने देखा। इसके तुरंत बाद अपने अधिवक्ता के माध्यम से एडीए कार्यालय में जवाब भी भिजवाया गया, लेकिन इसके बावजूद मात्र एक दिन के भीतर मंगलवार की सुबह बिना किसी अतिरिक्त सूचना के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर दी गई। बृजेश गौड़ का कहना है कि यह कार्रवाई उनके साथ किए गए बड़े अन्याय से कम नहीं है। यदि समय रहते उन्हें स्पष्ट सूचना दी जाती तो वे नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी कराकर ही निर्माण कराते। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की शिकायत जिलाधिकारी से दर्ज कराते हुए निष्पक्ष जांच और हुए नुकसान की भरपाई की मांग की है।
वहीं दूसरी ओर एडीए प्रशासन का कहना है कि संबंधित मकान बिना नक्शा स्वीकृत कराए बनाए जा रहे थे, जो नियमों के विरुद्ध है। प्रभारी सचिव एडीए राहुल विश्वकर्मा ने बताया कि स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद 21 दिसंबर को नोटिस जारी की गई थी। तय समय सीमा में निर्माण कार्य न रोके जाने के कारण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई के समय को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी ठंड में सुबह 5 बजे कार्रवाई करने का उद्देश्य क्या था। चर्चाएं हैं कि यदि दिन में कार्रवाई होती तो प्रशासन को स्थानीय लोगों और राजनीतिक विरोध का सामना करना पड़ सकता था, इसी कारण तड़के सुबह का समय चुना गया।
पीड़ित परिवारों का यह भी आरोप है कि जिस भूमि पर निर्माण किया जा रहा था, वह उनकी भूमिधरी जमीन है और उन्होंने पूर्व में उसी संगीत महाविद्यालय के निर्माण के लिए विनिमय के माध्यम से अपनी जमीन दी थी। अब उसी महाविद्यालय की “शोभा खराब होने” का हवाला देकर उनके मकान गिरा दिए गए, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।
मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। भाजपा जिलाध्यक्ष ध्रुव सिंह ने कहा कि पीड़ित उनका कार्यकर्ता है और यदि नवनिर्मित मकान को गलत तरीके से ध्वस्त किया गया है तो पार्टी चुप नहीं बैठेगी। न्यायिक और लोकतांत्रिक तरीके से कार्यकर्ता को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया जाएगा। फिलहाल पीड़ितों की शिकायत पर जिलाधिकारी कार्यालय में मामला दर्ज हो चुका है। अब सभी की निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई और जांच पर टिकी हैं कि क्या इस पूरे प्रकरण में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी और पीड़ित परिवारों को न्याय मिल पाएगा या नहीं।

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