भदोही:तहसील में अधिवक्ताओं के दो गुटों में हुई खूब नोंकझोंक,एक गुट रहा एसडीएम के विरोध में तो दूसरा गुट उतरा उनके पक्ष में

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की एक बात पर बना अधिवक्ताओं में दो गुट

रिपोर्ट: अशरफ संजरी

भदोही।भदोही तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सूर्य प्रसाद द्विवेदी के नेतृत्व में अधिवक्ता एसडीएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे। एसडीएम कोर्ट के बाहर इकठ्ठा होकर नारेबाजी करने लगे। इसी बीच एसडीएम पर जातिय संघर्ष फैलाने का भी आरोप लगाया गया। जिस पर तहसील के अधिवक्ता दो गुटों में बंटकर आमने-सामने हो गए। दोनों गुटों के बीच नोंकझोंक और हंगामा भी होता रहा। हालांकि बीच-बचाव के बाद मामला शांत हो गया।इस अवसर पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सूर्य प्रसाद द्विवेदी ने एसडीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि वें भ्रष्टाचार में लिप्त है और तहसील में भ्रष्टाचार चरम पर है। इनके कार्यकाल में अभी तक दो लेखपालों को एंटी करप्शन टीम ने घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। यह सिर्फ यादवों का काम कर रहे हैं। अन्य अधिवक्ताओं का कोई काम नहीं हो रहा है। इस बात को सुन वहां पर मौजूद यादव अधिवक्ताओं की भृकुटी तन गई। अधिवक्ता दो गुटों में बंटकर आमने-सामने हो गए। वहां पर नोंकझोंक और हंगामा को देखकर कोर्ट में सुनवाई कर रहे एसडीएम चले गए। अधिवक्ता गंगाराम यादव ने अध्यक्ष पर दलाली करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एसडीएम यादव है इस लिए विरोध हो रहा है। उनके साथ पूर्व अध्यक्ष सुभाष चंद यादव, संदीप यादव व एलबी यादव रहें।हालांकि कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने मामले को संभालते हुए दोनों गुटों को शांत कराया। वहीं वादकारी रंग बहादुर यादव पिपरीस, राजेश कुमार भोरी व घनश्याम मौर्य पिपरी ने बार-बार अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने पर अपनी नाराज़गी जताई। कहा कि इतनी दूर से आने के बाद केस का सुनवाई न होने पर परेशान होना पड़ता है। वहीं बार एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने बताया कि एक सरकारी अधिवक्ता की एसडीएम से जम नहीं रही है। उनके कारण ही यह सभी विरोध एक षड्यंत्र के तहत रची गई है। हालांकि एसडीएम शिवप्रकाश यादव ने अधिवक्ताओं के एक गुट द्वारा लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोप को खारिज करते हुए उसे बेबुनियाद बताया।इस मौके पर अमित पांडेय, धनुषधारी सिंह, वकील चंद बिंद, विद्याधर बिंद, दयाशंकर सरोज, अशोक कुमार, ओमप्रकाश, गुलाब सिंह, धर्मेंद्र पांडेय व चन्द्रकेश पांडेय आदि अधिवक्ताओं ने एसडीएम का विरोध किया।

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