भागवत ज्ञान यज्ञ कथा का पांचवा दिन। रुक्मणी विवाह प्रसंग,
रिपोर्ट विनय मिश्रा
देवरिया।बरहज तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम अमाव बड़का गांव में चल रहे भागवत ज्ञान कथा यज्ञ के पांचवें दिन आचार्य धनंजय शास्त्री ने रुक्मणी विवाह की कथा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जीवन में भागवत कथा श्रवण करने से धर्म अर्थ और काम मोक्ष चारों की प्राप्ति होती है। भागवत भगवान का वांग्मय स्वरूप हैं ।भागवत कथा मात्र से जीव का कल्याण हो जाता है ।जीव भगवान की शरणागति को प्राप्त कर लेता है। इसलिए जीवन में भागवत कथा जरूर श्रवण करनी चाहिए।जिसे सुनकर राजा परीक्षित को धर्म, अर्थ, काम,मोक्ष चारों की प्राप्ति हुई। कथा के मुख्य यजमान पारस नाथ मिश्र, ध्रुव नारायण मिश्र एवं श्रीमती कुंती देवी रही। भागवत कथा के दौरान उमेश चंद्र मिश्र ,नामदेव मिश्र, दिनेश मिश्रा, महेश्वर मिश्र ,रघुपति मिश्रा, विश्वामित्र मिश्रा, अंकित मिश्रा, अंकुर, शिवम, शशांक, अक्षत,सत्यम मिश्रा परिवार के साथ-साथ गांव के श्रद्धालु जन काफी संख्या में उपस्थित रहे।