लोकसभा क्षेत्र सलेमपुर की दयनीय दशा बोले योगेश्वर सिंह यदि जनता का समर्थन मिला तो मैं निर्दल चुनाव लड़ सकता हूं

रिपोर्ट अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी

बलिया भारतवर्ष में उत्तर-प्रदेश के बलिया जनपद का अपना अलग इतिहास है यहां समय-समय पर एक से बढ़कर एक साहित्यकार राजनीतिज्ञ और ऋषि मुनियों की धरती कही जाने बलिया को लगभग दो दशको से भी अधिक समय तक लोकसभा सलेमपुर मुँह चिढ़ाता हुआ नजर आ रहा है।इस लोक सभा में कुल मतदाताओं की संख्या दलित 25000, ओ० वी० सी० 750000, सवर्ण और लभगण 300000 से उपर मुस्लिम मतदतावो का वर्चस्व है इस लोकसभा में पांच विधानसभाओं में तीन पर बागी बलिया का कब्जा है लेकिन यहां किसी राजनीतिक दल ने एक सीट को छोड़कर लगभग 16 सांसद देवरियां जनपद से चुनकर भारत की सबसे बड़ी पंचायत कहे जाने का अवसर मिलता रहा है बलिया जनपद से सिर्फ एक बार कांग्रेस के टिकट पर 1971 के चुनाव में द्वाबा क्षेत्र के तारकेश्वर पाण्डेय जी ने लोकसभा मे बलिया का नेतृत्व किया।इसके बाद से आज तक कोई बलिया से चुनकर लोक सभा तक नहीं जा सका थोथा चना बाजेधना “वालों कहानी चरितार्थ होती हुई नजर आ रहा है 22 के चुनाव के बाद लगातार लोकसभा के पांचों विधानसभाओं में कर्मयोगी और राजनीति के कुशल कलाकर श्री योगेश्वर सिहं जी और उनकी टीम ने लोकसभा सलेमपुर के मतदाताओं के बीच’ रहकर जनता जनार्दन से इस आशा और विश्वास के साथ सम्पर्क में रहे कि चलो इस बार भारतीय जनता पार्टी योगेश्वर सिंह को को नेतृत्व करने का सौभाग्य प्राप्त होगा लेकिन पार्टी ने रविन्द्र कुशवाहा पर विश्वास जताते हुए उन्हें तीसरी बार एक ही आदमी को टिकट दिया जब कि सांसद न रहते हुए योगेश्वर सिंह जी ने इस लोकसभा के लगभग 15000 युवाओं को नौकरी दिला कर उनके परिवार के चुल्हा चौक को मजबूती प्रदान किया है वही जाड़े के दिनों ‘इनके भाई दिनेश्वर सिंह पूर्व आईएएस तथा छोटे भाई राजेश्वर सिंह और साथ में योगेश्वर सिंह और उनकी टीम द्वारा रात के अंधेरे से लेकर दिन के उजालो तक लगभग २०००० से अधिक लोगो को कम्बल ओढ़ाया गया और वही छोटे छोटे बच्चों को गर्म कपडा प्रदान किया गया तथा जगह-जगह पर शिविर लगा कर लोगो को मुफ्त शिविर तथा मुफ्त दवाईयां बाटी गई जांच और मुफ्त दवाइयां बांटी गयी और जनता के बीच किये गए जनसम्पर्क के बाद भी किसी दल ने इस कुशल राजनीतिज्ञ को टिकट देना उचित नहीं समझा जबकि 2014 मे पूर्व प्रधानमंत्री की बड़े बेटे श्री पंकज शेखर जी चुनाव लड़े थे लोगों में यहां चर्चा का विषय भी रहा कि इस बार सांसद प्रत्याशी फिर भारतीय जनता पाटी पंकज शेखर को अपना प्रत्याशी, घोषित करें लेकिन वह भी टाय टाय फीस और लगातार तीसरी बार टिकट पाने में रविन्द्र कुसवाहा जी सफल हुए अब इस बार देखना यह है कि इस बार ऊँट किस करवट बैठता है।

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