बिहार में मखाना के प्रसंस्करण, पैकेजिंग एवं मार्केटिंग की समुचित व्यवस्था हो : गवर्नर

Proper arrangements should be made for processing, packaging and marketing of makhana in Bihar: Govt

पटना, 8 जून:बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने शनिवार को कहा कि मखाना उत्पादन के क्षेत्र में किये जा रहे अनुसंधान का लाभ कृषकों को मिलना चाहिए ताकि उत्पादकता में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि विश्व में मखाना का 90 प्रतिशत उत्पादन बिहार में होता है। भारत ही नहीं, पूरे विश्व में बिहार के मखाना की मांग है।

 

 

 

 

 

राज्यपाल आर्लेकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर अंतर्गत भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया में ‘मखाना – जलकृषि के साथ जलजमाव पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग : चुनौतियां एवं रणनीतियां’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में राजभवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा ले रहे थे।

 

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं, जिससे कृषकों को अवगत कराया जाना चाहिए। बिहार के मखाना को जीआई टैग मिलने पर खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “इसके प्रचार-प्रसार के साथ इसके पैकेजिंग एवं मार्केटिंग की व्यवस्था के लिए सटीक योजना होनी चाहिए। बिहार में मखाना के प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के लिए भी सरकार को प्रयत्न करना चाहिए। इससे किसानों की आय बढ़ेगी तथा बिहार की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।”

 

 

 

 

 

राज्यपाल ने जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न समस्याओं के परिप्रेक्ष्य में मखाना की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए जरूरी उपाय करने को कहा। इस अवसर पर राज्यपाल ने भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया में नवनिर्मित सभागार का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उद्घाटन किया।

 

 

 

 

 

उन्होंने संगोष्ठी स्मारिका तथा मखाना से संबंधित पुस्तक का विमोचन करने के अतिरिक्त बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर एवं भारतीय पैकेजिंग, मुम्बई द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन एवं विकसित किये गये मिथिला मखाना बॉक्स एवं पाउच की लांचिंग भी की। कार्यक्रम को कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने भी संबोधित किया।

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