रोहित हत्याकांड… हत्या ने साबित किया प्रदेश में बदमाशों में नहीं है पुलिस का खौफ कोतवाली के सामने सरेआम हुई हत्या में इंस्पेक्टर का बालबाका तक नहीं
रिपोर्टर अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता टाइम्स
बलिया। समय वह बीत गया जब जिले में एक हत्या होती थी तो पुलिस अधीक्षक तक अपने उपर कार्रवाई को लेकर भयभीत रहते थे। मगर अब यह इतिहास की बात हो गई। शनिवार को बांसडीह कोतवाली गेट के सामने दिन दहाड़े करीब आधे दर्जन से अधिक लोगों ने फिल्मी स्टाइल में धारदार हथियार से युवक को काट डाला, यह हत्या झटके में नहीं हुई। बल्कि कुछ देरतक हमलावर युवक पर धारदार हथियार से तब तक हमला करते रहे, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। हैरत वाली बात यह है कि कोतवाली के सामने हुई इस निर्मम हत्या को देखकर पुलिसवाले भी इधर-उधर छुपते नजर आए।
बता दें कि दो गुटों की लड़ाई में शनिवार की सुबह बदमाशों ने मारपीट के दौरान जान बचाकर भाग रहे युवक की कोतवाली के मुख्य द्वार के सामने टांगी, गड़ासा व धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी। वहीं कस्बे के ही एक अन्य शुभम को भी टांगी से वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। मृतक की पहचान रोहित पांडेय पुत्र दीपन पांडेय के रूप में हुई। उसके सिर पर चापड़ और गड़ासा के गंभीर प्रहार थे। घटना के बाद कोतवाली के सामने बाजार में हड़कंप मच गया था। लोग इधर उधर भागने लगे। बवाल देख कोतवाली से पुलिसकर्मी भी मौके पर पंहुचे। लेकिन तब तक हमलावर वहां से भाग निकले थे। मौके पर घायल युवक व बिखरे खून को देख कर हतप्रभ पुलिसकर्मियों ने कोतवाल संजय सिंह को इसकी सूचना दी। जिसके बाद मौके पर पंहुचे कोतवाल ने घायल को सीएचसी बांसडीह भेजा। जहां से उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल भेज दिया गया, जहां पंहुचने से पहले ही युवक की रास्ते मे ही मौत हो गयी
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पुलिस के शह पर कोतवाली के सामने हुई हत्या!
बलिया। बांसडीह कोतवाली के सामने दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद पुलिस की काली करतूत परत दर परत सामने आ रही है। परिजनों के अनुसार मुख्य हत्यारोपी रोहित यादव पूर्व में भी एक युवक पर टांगी से हमलाकर घायल कर दिया था, उस समय पुलिस द्वारा संगीन धारा में मुकदमा दर्ज करने के बजाय पुलिस मामूली 323, 504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर इतश्री कर ली थी। यदि उस समय सख्त कार्रवाई की होती है तो आज इस तरह की हत्या न हुई होती।
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एसपी ने दो सिपाहियों को किया निलंबित
बलिया। बांसडीह कोतवाली के सामने इस तरह हुई हत्या के बाद एसपी ने दो सिपाही को निलंबित कर अपनी पीठ थपथपाने में लगे हुए है। ऐसे में पुलिस विभाग पर यह कहावत सटिक चरितार्थ होने लगी है कि खेत खाए गदहा और मार खाए जोलहा। जबकि पूरी वारदात में अब एक इंस्पेक्टर का रोल प्रमुख बताया जा रहा