राजनीतिक दवाव में फर्जी मुकदमा कायम, कयी दशक से सुनवाई जारी पीड़ित ने माननीय उच्च न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई ।

रिपोर्ट विनय मिश्रा
पटना। विहार राज्य के लब्ध प्रतिष्ठित समाजसेवी आर टी आई एक्टिविष्ट सुरेश चन्द्र पाण्डेय ( त्यागी) संस्थापक श्री देवरहा बाबा शिक्षण संस्थान इन्दिरा नगर पगरा मठिया थाना विजयपुर जिला गोपालगंज (विहार)को वदले की भावना से प्रेरित होकर राजनीतिक दवाव वना कर सुनियोजित तरीके से फर्जी एवं मनगढ़ंत तथा वेवुनियाद आरोप लगा कर विजयपुर थाना कांड संख्या -10/1995 दर्ज कर फर्जी मुकदमे में फंसाया गया है। अभियुक्त द्वारा अपने को निर्दोष साबित करने केलिए साक्ष्य वो सवूत दाखिल किया गया है। अभियुक्त सुरेश चन्द्र पाण्डेय (त्यागी)ने निवंधित डाक संख्या ई यूं 441178335 आई एन दिनांक -5-8-24 द्वारा श्रीमान मुख्य न्यायाधीश माननीय उच्च न्यायालय पटना के नाम आवेदन पत्र समर्पित कर न्याय की गुहार लगाई है।
वताया जाता है कि 28 वर्ष व्यतीत हो गया है और अव तक ब्यवहार न्यायालय गोपालगंज द्वारा निर्णय नहीं दिया जाना निष्पक्ष न्याय प्रणाली पर सवालिया निशान लगाया जा रहा है। इस मामले के सूचक तथा कथित ब्राह्मण नेता का ढोंग रचने वाले स्वर्गीय कन्हैया स्वरुप पाठक ने अपने प्रतिद्वन्दी प्रमुख समाज सेवी एवं आर टी आई एक्टिविष्ट सुरेश चन्द्र पाण्डेय (त्यागी) संस्थापक श्री देवरहा बाबा शिक्षण संस्थान इन्दिरा नगर पगरा मठिया थाना विजयपुर जिला गोपालगंज (विहार) के विरुद्ध राजनीतिक दवाव वनवा कर साजिशन झूठा एवं मनगढ़ंत आरोप के जरिए पुलिस थाना विजयपुर कांड संख्या -10/1995 दर्ज कराया था जिसकी आज तक सुनवाई चल रही है।
आश्चर्यजनक तथ्य है कि सूचक स्वर्गीय कन्हैया स्वरुप पाठक एवं अभियुक्त सुरेश चन्द्र पाण्डेय (त्यागी) के साथ बर्ष -1989के अंतर्गत संसदीय चुनाव के दौरान आपसी विवाद हुआ था जिसके कारण पुलिस थाना विजयपुर जिला गोपालगंज द्वारा धारा -107के तहत मामला दर्ज किया था। स्वर्गीय कन्हैया स्वरुप पाठक ने साजिशन अंतरप्रांतीय अपराधिक गिरोह सरगना रमाशंकर यादव के द्वारा झूठा एवं मनगढ़ंत आरोप लगवा कर सुरेश चन्द्र पाण्डेय (त्यागी) के विरुद्ध पुलिस थाना विजयपुर कांड संख्या -60/1995 दर्ज कराया गया जिसे साक्ष्य के अभाव में ब्यवहार न्यायालय गोपालगंज द्वारा खारिज कर अभियुक्त सुरेश चन्द्र पाण्डेय ( त्यागी) को निर्दोष साबित कर वाईज्जत वरी कर दिया है।
सनद रहे कि विजयपुर पुलिस थाना कांड संख्या -10/1995 के सूचक स्वर्गीय कन्हैया स्वरुप पाठक ने थाना प्रभारी विजयपुर जिला गोपालगंज के नाम आवेदन पत्र में सुरेश चन्द्र पाण्डेय ( त्यागी) के विरुद्ध श्री देवरहा बाबा शिक्षण संस्थान इन्दिरा नगर पगरा मठिया थाना विजयपुर जिला गोपालगंज (विहार) नामक फर्जी संस्था स्थापित कर देशी विदेशी अनुदान राशि के दुरुपयोग किये जाने का आधार हीन आरोप लगा कर राजनीतिक दवाव वनवा कर फर्जी मुकदमा कायम कराया था जव कि सच्चाई कुछ और ही वया करतीं हैं। भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो राजकीय धनराशि के गबन की जांच कराने के उपरांत कानूनी कार्यवाही का प्रावधान है जब कि उक्त मामले में सरकारी या गैर सरकारी किसी जांच एजेंसी द्वारा कोई जांच नहीं कराई गई है और विना जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए राम कहानी को आधार बनाकर भ्रष्टाचार के विरुद्ध कानूनी लड़ाई को वाधित करने के उद्देश्य से प्रमुख समाज सेवी सुरेश चन्द्र पाण्डेय (त्यागी)को फर्जी मुकदमे में फंसाया गया है।
सर्वविदित है कि एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन की नई दिल्ली शाखा द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के मद्देनजर सुरेश चन्द्र पाण्डेय (त्यागी)को “मैन ऑफ द एचीवमेंट अवार्ड -1999” से नवाजा जा चुका है।
वताते चले कि श्री देवरहा बाबा शिक्षण संस्थान नामक गैर-सरकारी संगठन का निवंधन सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अंतर्गत निवंधन महा निरीक्षक विहार सरकार पटना द्वारा किया गया है। संस्थान को आय कर धारा- 12ए (ए) एवं धारा -80 जी ( 5) के अंतर्गत आय कर मंत्रालय भारत सरकार एवं विदेशी अभिदाय अधिनियम 1976 के तहत गृह मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा निवंधित किया गया है।
गौरतलब है कि समाज सेवी संस्था श्री देवरहा बाबा शिक्षण संस्थान के नाम जिला प्रशासन गोपालगंज द्वारा गैर सांप्रदायिक प्रमाण पत्र जारी किया गया है। आपसी दुश्मनी के कारण प्रति शोध वश जालसाजी के जरिए दर्ज अपराधिक मुकदमा की लगातार कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के वावजूद लंबे समय से सुनवाई किया जाना न्यायिक प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा है।
ध्यातव्य है कि पुलिस थाना विजयपुर कांड संख्या -10/1995, टी आर -349/2022, जी आर-312/15, टी आर -12021/2014 सरकार वनाम सुरेश चन्द्र पाण्डेय की सुनवाई श्री निलेश भारद्वाज न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ब्यवहार न्यायालय गोपालगंज में चल रही है। उक्त वाद में तीन गवाह पक्षघाती है जव कि सूचक स्वर्गीय कन्हैया स्वरुप पाठक एवं उसके चाचा स्वर्गीय महातम पाठक झठी गवाही दिया है जिसका कोई साक्ष्य नहीं है।
ध्यातव्य है कि पूर्व मे पीड़ित की ओर से न्याय के लिए निवंधित डाक संख्या -आर यूं 05011184284 आई एन दिनांक -20-5-24 द्वारा मानवाधिकार आयोग पटना के समक्ष शिकायत दर्ज करा कर न्याय निर्णय यथाशीघ्र पारित कराने एवं इस मामले में निष्पक्ष जांच करा कर दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कराए जाने का अनुरोध किया जा चुका है । पीड़ित अभियुक्त द्वारा साक्ष्य सहित आवेदन पत्र जिला प्रशासन गोपालगंज एवं विहार सरकार के आला अधिकारियों को समर्पित कर अपनी बेगुनाही वया किया गया है ।
आश्चर्यजनक तथ्य है कि गैर सरकारी संगठन श्री देवरहा बाबा शिक्षण संस्थान इन्दिरा नगर पगरा मठिया पोस्ट सहडिगरी भाया विजयपुर प्रखंड-अंचल -विजयपुर जिला-गोपालगंज को फर्जी करार देकर मुकदमा कायम किया गया है। इसी संगठन के प्रति निधि के रूप में सुरेश चन्द्र पाण्डेय ( त्यागी) को समेकित बाल विकास सेवा परियोजना विजयपुर जिला- गोपालगंज द्वारा जारी पत्र संख्या -404 दिनांक -28-6-24 के माध्यम से प्रखंड वाल संरक्षण समिति विजयपुर जिला गोपालगंज (विहार)का सदस्य नामित किया गया है। इसके साथ ही साथ जिला समाहरणालय गोपालगंज जिला वाल संरक्षण इकाई द्वारा जारी पत्र संख्या -329 दिनांक -21-6-24 के माध्यम से एल जी वी टी आई क्यू समुदाय के शिकायत निवारण के लिए गैर सरकारी संगठन/समुदाय आधारित समूह के तहत श्री देवरहा बाबा शिक्षण संस्थान इन्दिरा नगर पगरा मठिया पोस्ट सहडिगरी भाया विजयपुर प्रखंड-अंचल -विजयपुर जिला-गोपालगंज (विहार) को क्रम संख्या -2 के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
देखना है कि राजनीतिक दवाव के चलते जालसाजी पूर्ण दर्ज अपराधिक मुकदमा की सुनवाई पूर्ण कर ब्यवहार न्यायालय गोपालगंज द्वारा न्याय निर्णय कव तक मुहैय्या कराया जाएगा जो भविष्य के गर्भ में है?


