उपजिलाधिकारी के निर्देश पर अतिक्रमण हटाने गई राजस्व विभाग और पुलिस से बदतमीजी दो अरेस्ट, पीड़िता की पुश्तैनी भूमि में रातों-रात लगाई गई थी खड़ंजा

रिपोर्ट सुरेश पांडे

जखनिया गाजीपुर। भुडकुड़ा कोतवाली अंतर्गत रायपुर जाही गांव निवासी नीतू यादव पत्नी विजय बहादुर यादव के पुश्तैनी आबादी की भूमि पर 10/2/2024 की देर रात सड़क नुमा खड़ंजा बिछा दी गई। जब विपक्षियों को रोकने के लिए महिला नीतू यादव ने पहुंची तो महिला की जमकर पिटाई कर दी थी । पीड़िता नें उच्च अधिकारियों को फोन करने के बाद पुलिस ने पहुंचकर घायल महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सदर अस्पताल भेजा था तथा विपक्षियों पर भी कार्रवाई की गई।

नीतू यादव बनाम अजय यादव का एसडीएम कोर्ट जखनिया में वाद विचाराधीन रही । एसडीएम कमलेश सिंह ने 12/ 2 /2024 को भूडकुड़ा पुलिस को बल पूर्वक खड़ंजे को एक सप्ताह में हटाकर आख्या प्रस्तुत करने का नोटिस जारी किया गया था। लेकिन पुलिस ने एसडीएम कोर्ट के मामले को भी नजरअंदाज करते हुए खानापूर्ति कि और एसडीएम के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए आज दोपहर को थाने के उपनिरीक्षक, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल सहित महिला व पुलिस कांस्टेबल को खड़ंजा हटाने के लिए भेजा गया था। पुलिस ने मौके पर पहुंचते ही विपक्षी पुलिस से उलझ गए और मामले को जुबानी सही बताते हुए पुलिस के आगे आने से रोक दिया । पुलिस मौके से दो लोग अजय और विनय को अरेस्ट कर जेल भेज दिया।

उप जिलाधिकारी कमलेश सिंह ने बताया कि खड़ंजा को हटाने का निर्देश पर लेखपाल और पुलिस बल को भेजा गया था।जिसमें पुलिस से ग्रामीण उलझ गए अतिक्रमण हटाने नहीं दिया फिर पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर ले आई है। जिस पर कड़ी कार्रवाई की गई।कोतवाल तारावती नें कहा कि उपजिलाधिकारी के निर्देश पर अतिक्रमण हटाने गए राजस्व निरीक्षक और पुलिस से विपक्षी नें बदतमीजी किया और अतिक्रमण हटाने से रोका दिया जिसमे दो लोगों को उपजिलाधिकारी के निर्देश पर जेल भेजा गया।पीड़िता वादिनी नीतू यादव ने कहा कि 10 फरवरी को ही रातों-रात खड़ंजा लगाई गई।जिसमें बेहरमी से हमें पीटा गया लेकिन पुलिस के लापरवाही के चलते आज न्याय नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री से लेकर उच्च अधिकारियों डीएम एसपी तथा एसडीएम तक आवेदन दिया लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं किया।यहां तक की एसडीएम की निर्देशों को भी भुडकुड़ा पुलिस नजरअंदाज कर दी। पुलिस पूरी तरह से निरंकुश बनी हुई है। मौके पर पुलिस उपाधीक्षक और कोतवाल खुद नहीं पहुंचे। पीड़ित वादिनी नीतू यादव ने कहा कि विगत दिनों तहसील परिसर में आत्मदाह की चेतावनी दिए थे। जिसमें एसडीएम के आश्वासन पर आत्मदाह का चेतावनी को वापस लिया गया था। पुलिस प्रशासन अगर न्याय नहीं दिलाता है तो हम आगे कुछ भी करने के लिए बाध्य होगी। जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

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