21 रमज़ान हज़रत अली की शहादत पर जुलूस का आयोजन कर दिया श्रद्धांजलि।

रिपोर्ट:अशोक श्रीवास्तव।घोसी।मऊ।
मऊ।घोसी।
स्थानीय घोसी नगर के बड़ागाँव शिया मोहल्ले में सोमवार की भोर से ही हज़रत अली की शहादत के मौके पर पूरे दिन रहने जुलूस जुलूस का सिलसिला चला।अपनी तकरीर में मौलानाओं ने बताया कि हजरत अली की नमाज़ की हालत में इब्ने मुलजिम मलऊन द्वारा तलवार से हमला कर उनको मार ढाला गया था उसी की याद में आज 21 रमज़ान को उनके परिवार को श्रद्धाजंलि दी गई। पहले ताबुत शिया जामा मस्जिद से भोर में निकला उसके बाद मौलाना मुज्तबा हुसैन उसके बाद हाजी कौशर अली,अली हसन कर्बलाई,सैय्यद इमरान हैदर, शिया जामा मस्जिद, मस्जिदे ज़हरा, से ताबूत निकाला गया। उसके बाद 3 बजे शाम को इमाम बाड़ा ज़ैनबिया के रास्ते सदर इमाम बारगाह पर पहुँचा। ये ताबुत हजरत अली की याद में निकाला गया । वो अली जो दामादे पैग़म्बर मोहम्मद थे वो अली जो ग़रीबो के हमदर्द थे। जिनकी 4 वर्ष की हुकूमत में किसी के साथ अन्याय नही हुआ। इनकी चार साला हुकूमत में कोई भूखा नही रहा। किसी के ऊपर कभी कोई जुल्म नही हुआ ।इनके दौरे इक्तेदार में कोई परेशान नही रहा। ये वो अली है जो रात के अँधेरे में बोरी में रोटी व खजूर भर के भूखे लोगो को अपने हाथो से खाना खिलाया करते थे। यतीमो पर उनके बाप जैसी शफकत भरी निग़ाहों से देखा करते थे। ग़रीब मजलूम को पूरी रात घुम कर ढूंढ कर रोटी पहुचाते थे। खुद भूखे रह कर लोगो की देखभाल की लोगो को खाना खिलाया जब कभी कोई पूछता था की ऐ गरीबो के हमदर्द आप कौन है तो यही जवाब देते ग़रीब एक ग़रीब भाई अपने ग़रीब भाई के पास आया है। एक हमदर्द दूसरे हमदर्द के पास आया है उनको 19 वी रमज़ान को इब्नेमुल्जिम मलऊन नामक एक व्यक्ति ने ज़हर से भीगी तलवार से नमाज़ की हालत में उन के सर पर वार कर घायल कर दिया और इक्कीसवी रमज़ान को उन की शहादत हो गई। उसी दिन की याद में आज 21 रमज़ान सोमवार को बड़ागाँव में जुलूस निकाल के मनाया जाता है। जिस में नगर की सारी अंजुमने भाग लेती है। अंजुमन इमामिया,अंजुमन सज्जादिया,अंजुमन मासुमिया कदीम,अंजुमन दस्तए मासुमिया,अंजुमन तंज़ीमुल हुसैनी, अंजुमन इमामिया ने नोहा पड़ कर हजरत अली को श्रद्धांजलि आर्पित की नोहा ये है।
( 1 )बीने मुलजिम तेरी तलवार से क्या होता जाता है
( 2)ये किस के खून से रंगी मोसल्ला हो ता जाता है
(3)लो हैदरे कररार का उठता है जनाज़ा
(4) शियों के मदद गार का उठता है ज़नाज़ा
पड़ते हुए मातम करते रोते बिलकते या अली या हुसैन करते अपनी नम आँखो से याद करते सदर इमाम बार्गाह एन एच 29 पर जा कर समाप्त हुआ।और लोग सदर ईमाम बारगाह जाकर उनको श्रद्धाजंलि अर्पित किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से मौलाना लड्डन बनारसी,नज़र अब्बास,जौहर अली,अजहर हुसैन,नेसार अहमद, शमीम हैदर,मौलाना नसिमुल हसन,हसन इमाम,रेयाज़ अहमद,वसीउल ,महमूद असगर,सय्यद असगर इमाम,शमीमूल हुसैन,इस्तेयाक, शाजिद हुसैन,नूर मोहम्मद,फ़िरोज़ हैदर,मुजाहिर हुसैन,अदि लोग मौजूद रहे।



