पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है पौराणिक व ऐतिहासिक रसड़ा लखनेश्वरडीह किला पुरातात्विक दृष्टिकोण से भी समृद्ध किले के समीप मिली थी भगवान विष्णु की काली प्रतिमा
रिपोर्टर संजय सिंह
रसड़ा (बलिया) पुरातात्विक दृष्टिकोण से समृद्ध लखनेश्वरडीह का इलाका पर्यटन के मामले में भी अग्रणीय भूमिका अदा कर सकता है। मगर अफसोस इस आेर किसी की नजर नहीं जा रही है। रसड़ा तहसील मुख्यालय से करीब सात किमी दक्षिण तमसा नदी के तट पर स्थित लखनेश्वरडीह का किला पौराणिक पहलुआें को भी खुद में समेटे हुए हैं। भगवान श्रीराम के अनुज लक्ष्मण ने यहां शिवलिंग की स्थापना अपने हाथों से की थी। इसका उल्लेख रामायण में किया गया है। विडंबना यह है कि इस तरह के एेतिहासिक स्थलों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए अब तक कोई पहल नहीं हुई है। खास बात यह है कि लखनेश्वरडीह किला के पास ही खेतों की जुताई के दौरान भगवान विष्णु की काले पत्थर की प्रतिमा मिली थी जहां आज भव्य मंदिर का निर्माण कर दिया गया है। स्नान पर्व के दिन तो यहां पूजन-अर्चन को श्रद्धालुआें का तांता लग जाता है। यह क्षेत्र पुरातत्व विभाग व भूगर्भशास्त्रियों के लिए शोध का विषय है। इस क्षेत्र को पर्यटन केंद्र के रूप में अगर विकसित कर दिया जाय तो इससे एक तरफ क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा वहीं राजस्व की भी वृद्धि होगी। इस क्षेत्र को पर्यटन केंद के रूप में विकसित करने की घोषणा कई राजनेताआें और विधायकों ने की लेकिन ये घोषणाएं उड़ान नहीं ले सकीं। सच तो यह है कि सभी घोषणाएं हवा-हवाई ही साबित हुई। किसी भी जनप्रतिधि ने इस पहलू को गंभीरता से नहीं लिया।
लखनेश्वर डीह किले में भगवान विष्णु की अद्वितीय काले रंग की प्रतिमा।