काली माता मंदिर और चार मकान सरयू में डूबे

 

 

रिपोर्टर अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता टाइम्स

 

 

 

बैरिया बलिया। गोपालनगर टाड़ी में रविवार की भोर से सरयू नदी ने कटान शुरू कर दिया। पहले काली मां का मंदिर नदी की धारा में बह गया। इसके बाद कुछ घंटों में 20 मीटर जमीन नदी में कटकर बह गई। देखते ही देखते अशोक यादव, भरत यादव, लक्ष्मण यादव व शिवजी यादव का आशियाना सरयू नदी में विलीन हो गया।

सरयू नदी की कटान से गोपालनगर टाड़ी में 300 से अधिक परिवार खौफजदा हैं। गांव के मुखराम यादव, छपित यादव, किसुन यादव, नन्हक यादव, राजेश यादव, मुसाफिर यादव, महातम यादव, सुरेंद्र यादव आदि ने अपने हाथों से अपना आशियाना उजाड़ना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि रविवार को करीब 50 एकड़ उपजाऊ जमीन सरयू नदी में विलीन हो गई। बाढ़ राहत और बचाव के नाम पर यहां सब कुछ शून्य हैं। कटान रोधी कार्य भी नहीं हो रहे हैं।

 

 

 

यही स्थिति रही तो शिवाल मठिया, गोपालनगर, मानगढ़, वशिष्ठ नगर सहित दियरांचल के कुल आधा दर्जन गांवों की 30 हजार की आबादी अगले कुछ समय में पूरी तरह से सरयू नदी में विलीन हो जाएगी। रविवार को जिन चार लोगों के मकान सरयू नदी में डूब गए उनके बच्चे व परिवार रिश्तेदारी में चले गए हैं। परिवार के एक या दो पुरुष सदस्य ही गांव में मौजूद है। दूसरी तरफ जिन लोगों का मकान कटान के मुहाने पर पहुंचा है। उसे घर के सभी स्त्री-पुरुष अपने मकान को उजाड़ रहे हैं। मौके पर केवल लेखपाल राजू यादव मौजूद थे। न बाढ़ खंड के लोग मौजूद थे, नहीं कोई अधिकारी। गोपालनगर में अब तक 13 और शिवाल में दो मकान नदी में समा चुके हैं।

 

 

 

 

फिलहाल कटान रोधी कोई भी कार्य वहां कारगर नहीं होगा। अगर कार्य कराया जाएगा तो कटानरोधी कार्य स्थल के आगे-पीछे से कटान से सब पानी में बह जाएगा। पिछले महीने एक किमी की दूरी में कटानरोधी कार्य के लिए एक करोड़ का प्रोजेक्ट गया था, जो अस्वीकृत हो गया। फिलहाल गूगल मैप से सर्वे किया गया है। अगर दियारे के सभी गांवों को बचाना है तो तकनीकी विशेषज्ञों की राय से छह किमी रेंज में बड़ी परियोजना से कटानरोधी कार्य कराना होगा। – संजय मिश्र, अधिशासी अभियंता, बाढ़ खंड

 

 

 

 

 

 

जहां भी कटान हो रहा है तहसील प्रशासन की नजर है। हम उचित कार्रवाई कर रहे हैं। कटान रोकने के लिए बाढ़ खंड से भी वार्ता कर उचित निर्देश दिया जा रहा है।

 

16 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में 15 सेंटीमीटर की वृद्धि : गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ाव जारी है, जबकि सरयू नदी ठहराव पर है। रविवार सुबह 8 बजे गायघाट गेज पर गंगा नदी का जलस्तर 53.63 मीटर दर्ज किया गया। शनिवार की शाम 53.48 मीटर दर्ज किया गया था। 16 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में 15 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। गंगा नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए गंगा तटवर्ती गांव के लोगों में बाढ़ व काटन की आशंका बढ़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि गंगा नदी में पिछले साल उतनी प्रभावी बाढ़ नहीं आई थी। उधर, सरयू नदी के चांदपुर गेज पर शनिवार की शाम से ही सरयू नदी का जलस्तर 57.96 मीटर पर स्थिर

बैरिया/ दयाछपरा। नौरंगा ग्राम पंचायत अंतर्गत भगवानपुर व चक्की नौरंगा में रविवार को गंगा नदी के कारण कटान तेज हो गई है। बस्ती के लोग अपने घरों का समान समेटने लगे हैं। नदी के मुहाने पर अखिलेश, रामजी, कौशल, संजय, अनिल, राजकुमार, पारस, नारद, दिनेश, मृत्युंजय, विजय, दिनेश, इकराम व संतोष पांडेय का मकान आ चुका है। उक्त लोगों का आरोप है कि बार-बार गुहार के बावजूद प्रशासन हम लोगों की सुध नहीं ले रहा है। बाढ़ विभाग भी कटान रोकने के लिए कोई कटानरोधी कार्य यहां नहीं शुरू कराया है। लगभग 5000 की आबादी वाले चक्की नौरंगा गांव के रिहायसी घरों से लगभग 10 मीटर दूर गंगा नदी बह रही है। ग्राम प्रधान सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि इस बाबत जिला प्रशासन व बाढ़ विभाग के अधिकारियों को तीन दिन पहले ही कटान के संदर्भ में जानकारी दी गई थी। बावजूद इसके कोई यहां झांकने तक नहीं आया है।

 

नौरंगा में निरीक्षण के लिए पहुंचे अधिकारी

बैरिया। अपर जिलाधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह, उप जिलाधिकारी सुनील कुमार लेखपालों के साथ नौरंगा, चक्की नौरंगा, भगवानपुर गांव में कटान का निरीक्षण करने पहुंचे। कटान स्थल के निरीक्षण के बाद मौके से ही बाढ़ विभाग के अधिकारियों को फ्लड फाइटिंग के मद से कटान स्थलों पर कटान रोधी कार्य करने का निर्देश दिए। वहीं, बाढ़ शरणालय की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए मौके पर मौजूद लेखपाल मनोज तिवारी व सदन चौधरी को निर्देश दिए। अपर जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों का मकान कटान के मुहाने पर है। वे तत्काल बाढ़ राहत केंद्र में चले जाएं।

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