जाने कहां अंग्रेज अधिकारी को भारी पड़ा था मां की प्रतिमा हटवाना

रिपोर्ट अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी

बलिया:चैत्र नवरात्र के आठवें दिन बलिया के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित देवी मन्दिरों पर श्रद्धालुओं का हुजुम उमड़ पड़ा।देवी मन्दिरों पर उमड़े श्रद्धालुओं ने माता रानी का पूजन-अर्चन कर अपने अभीष्ट की कामना किया।जय माता दी आदि भक्तिमय उच्चारणों से भृगुक्षेत्र का वातावरण माता मय रहा। भक्तों द्वारा कही दुर्गा सप्तशती का पाठ त कहीं भजन कीर्तन किया जा रहा था।ब्रह्म बेला से ही पूजन अर्चन में तल्लीन हो गए भक्तगण देवी मन्दिरों को कहीं प्राकृतिक फूलों से तो कहीं आकर्षक झालरों से मन्दिरों को सजाया गया है।भोर की प्रथम किरण फूटने से पूर्व ही बलिया जिले के मां मंगला भवानी मन्दिर,उचेड़ा स्थित मां भवानी मन्दिर, शंकरपुर स्थित मां शांकरी भवानी मन्दिर,ब्रम्हाइन स्थित मां ब्रम्हाणी देवी मन्दिर,खरीद स्थित माता मन्दिर,सिकन्दरपुर स्थित जल्पा-कल्पा देवी मन्दिर,गायघाट स्थित मां पचरूखा देवी मन्दिर,पचदेवी मन्दिर,कपूरी स्थित मां कपिलेश्वरी भवानी मन्दिर,जनपद मुख्यालय स्थित मां दुर्गा मन्दिर, शोभनाथपुर स्थित मां भगवती मन्दिर,दुर्जनपुर स्थित मां काली मन्दिर,रेवती स्थित मां दुर्गा मन्दिर,काली माता मन्दिर,बांसडीह स्थित मां दुर्गा मंदिर, सहतवार स्थित मां दुर्गा मन्दिर सहित देवी मन्दिरों में भक्तों का रेला ब्रम्हबेला से शुरू हो गया,जो पूजन-अर्चन में तल्लीन रहा।‌‌ मंदिरों के आसपास चुंदरी व प्रसाद की सजी है दुकानें विभिन्न देवी मन्दिरों के प्रांगण सहित आस-पास चुनरी,प्रसाद,फूलों सहित अन्य दुकानें सजी हुई है।मन्दिरों पर मेला भी लगा हुआ है।जहां मन्दिर में पूजन अर्चन के पश्चात श्रद्धालु अपनी जरूरत के सामानों की खरीददारी भी कर रहे हैं।मन्दिरों पर उमड़ रही भक्तों की भीड़ में श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।इसके लिए वालेंटियर लगे हुए हैं।गाजीपुर और बक्सर की सीमा पर स्थित है मां मंगला भवानी मंदिर जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी. की दूर बक्सर और गाजीपुर की सीमा पर गंगा नदी के उत्तरी तट पर मां मंगला भवानी का प्राचीन मंदिर स्थित है।माता का यह मंदिर सदियाें से श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र है।यूं तो माता रानी के मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा बनी रहती है लेकिन नवरात्र में मां के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।अंग्रेज अधिकारी को भारी पड़ा मां की प्रतिमा हटवाना 1876 में बलिया की जगह गाजीपुर जिला था। उस समय यह स्थान कोरंटाडीह तहसील में निर्माण कार्य के दौरान एक अंग्रेज अधिकारी ने मां मंगला भवानी के रूप में पूजे जा रहे देवी प्रतिमा को उखड़वाकर गंगा नदी में फेंकवा दिया।कहते हैं उसके बाद उसके बड़े बेटे का निधन हो गया और उसके अस्तबल के घोड़े मरने लगे। एक रात उसे सपना दिखा कि देवी प्रतिमा को तत्काल निकलवाकर नियत स्थान पर स्थापित करवाएं नहीं तो उसका सर्वनाश हो जाएगा। इसपर अधिकारी ने तत्काल उजियार गांव के दरागाही यादव से प्रतिमा को निकलवा कर उसके स्थान पर स्थापित करवाया।

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