मोदी मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं होने से तिलमिलाए एसटी हसन

ST Hassan shaken by not having a single Muslim face in Modi cabinet

लखनऊ, 14 जून : समाजवादी पार्टी नेता एसटी हसन ने मोदी मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम चेहरे को जगह नहीं दिए जाने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं है, यह अफसोस की बात है।

 

 

 

 

 

 

एसटी हसन ने कहा, “हिंदुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी आबादी को इस कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है। मुस्लिम की नुमाइंदगी मोदी मंत्रिमंडल में होनी चाहिए थी, लेकिन इन लोगों ने एक भी मुस्लिम चेहरे को जगह नहीं दी। हालांकि, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयानों से हमें बेइंतहा तकलीफ पहुंची है। प्रधानमंत्री के बयानों को सुनकर हमारा दिल टूटा है। मैं यह सवाल पूछना चाहता हूं कि मुसलमान इस देश के नागरिक नहीं हैं क्या? अगर मुसलमान ने आपको वोट नहीं दिया, तो क्या आप लोग अब बदला लेंगे? आप लोग क्या प्रतिशोध की राजनीति पर उतारू हो चुके हैं? इस बात पर विचार होना चाहिए। हमें मोदी जी से यह उम्मीद नहीं थी।“

 

 

 

 

 

 

 

इसके अलावा, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एसटी हसन को रामपुर से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने आजम खान का लिहाज करते हुए वहां से चुनाव लड़ने से मना कर दिया और अपनी परंपरागत सीट मुरादाबाद से चुनाव लड़े, जिसका नतीजा हुआ कि उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। इस पर जब एसटी हसन से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “मुझे इस बात का अफसोस है कि मैंने अखिलेश यादव जी की बात नहीं मानी। अगर मानी होती तो आज मैं भी संसद में बैठा होता। अखिलेश यादव ने मुझे रामपुर से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन मैंने मना कर दिया। मेरे मना करने की वजह आजम खान थे। मैं उनके चुनावी क्षेत्राधिकार में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करना चाहता था। मुझे इस बात का एहसास हो रहा है कि मैंने अखिलेश यादव की बात ना मानकर कितनी बड़ी गलती की।“

 

 

 

 

 

 

सपा नेता ने आगे कहा, “मुझे अच्छे से पता है कि किसकी वजह से मेरा टिकट कटा, लेकिन इस बारे में मैं ज्यादा कुछ आपके कैमरे के सामने नहीं कह सकता। मैं एक बात समझता हूं कि अखिलेश यादव का आदेश हम सभी के लिए सर्वोपरि है। मैंने एक गलती की कि मैं रामपुर से चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन निकट भविष्य में वो जो भी आदेश देंगे, वो मेरे लिए सर्वोपरि होगा। मैं आज समझता हूं कि मुझे अखिलेश यादव का लिहाज रख लेना चाहिए था।“

 

 

 

 

 

 

उन्होंने आग कहा, “मैंने इतने सालों तक सांसद रहते हुए संसद में अपने लोगों के पक्ष में आवाज उठाई है, लेकिन आज मैं किसी कारणवश सांसद नहीं रहा, जिसका मुझे अफसोस है, मगर मेरी ख्वाहिश है कि मेरी पार्टी मुझे किसी भी तरह से संसद में जगह दिलाए, ताकि मैं अपने लोगों के पक्ष में आवाज उठा सकूं। मैं एक बात फिर से कहना चाहता हूं कि अखिलेश यादव जी का जो भी आदेश होगा, वो अब से मेरे लिए पत्थर की लकीर है। वो आदेश मेरे लिए मान्य होगा। मैं उसे हर कीमत पर स्वीकार करूंगा और उसी पर चलूंगा।“

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