हिंदी दिवस समारोह :साहित्य और संस्कृति के रंग में रंगा SICES डिग्री कॉलेज अंबरनाथ
Hindi Diwas Celebration: SICES Degree College Ambarnath painted in the colors of literature and culture
साऊथ इंडियन चिल्ड्रन्स एज्युकेशन सोसायटी डिग्री कॉलेज, अंबरनाथ (पश्चिम) में हिंदी दिवस बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विख्यात कवि, लेखक, गीतकार एवं पत्रकार श्री रामकेश एम. यादव ‘सरस’ मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को साहित्यिक और सांस्कृतिक रंग प्रदान किया।श्री यादव हिंदी जगत के प्रतिष्ठित रचनाकारों में गिने जाते हैं। वे मुंबई महानगरपालिका के पूर्व शिक्षक रहे हैं और एम.ए., बी.एड. की डिग्रियाँ प्राप्त की हैं। अब तक उनकी 26 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें “मैं सैनिक बनूँगा”, “तिरंगा”, “सरहद”, “मजदूरन”, “बेटी बचाओ”, “पानी बचाओ”, “किसान की बेटी” और “मिट्टी की सुगंध” जैसी कृतियाँ उल्लेखनीय हैं। उन्होंने साहित्य सेवा के लिए देशभर से 425 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किए हैं और उनकी कविताएँ महाराष्ट्र के पाठ्यक्रम की पुस्तकों में भी शामिल की गई हैं।
समारोह की शुरुआत सरस्वती पूजन से हुई। इसके पश्चात कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हर्षल एम. बच्छाव ने मुख्य अतिथि का स्वागत एवं सत्कार किया और तत्पश्चात ग्रंथपाल डॉ. संघर्ष एस. गजबे ने प्राचार्य महोदय का सम्मान किया। कार्यक्रम में वैष्णवी वडालकर ने मुख्य अतिथि का परिचय प्रस्तुत किया। अपने संबोधन में श्री यादव ने हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया और अपनी कविताओं का पाठ किया, जिसने उपस्थित सभी का मन मोह लिया।इस अवसर पर डॉ. संघर्ष गजबे ने कविता “नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है” का काव्यपाठ किया और अपने अनुभव साझा किए। वहीं डॉ. विकास देशमाने ने “अग्निपथ” कविता पर वक्तव्य देते हुए विद्यार्थियों में चुनौतियों का डटकर सामना करने की प्रेरणा जगाई। कार्यक्रम का संचालन छात्रा रिया सिंह ने किया और अंत में साक्षी राठोड़ ने आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम में 110 विद्यार्थी और 10 प्राध्यापक उपस्थित रहे। प्राध्यापकगणों में प्रा. विशाल शिनगारे, प्रा. विशाल सोनवणे, प्रा. सय्यद, प्रा. नीलम जयस्वाल, प्रा. धनश्री कडव, प्रा. मुग्धा कर्वे, डॉ. विकास देशमाने और डॉ. प्रवीण हुडगे उल्लेखनीय रूप से उपस्थित थे। इस कार्यक्रम की सफलता में हिंदी–मराठी भाषा वाङ्मय मंडल, एनएसएस इकाई और डीएलएलई यूनिट का विशेष सहयोग रहा।मार्गदर्शन महाविद्यालय की डायरेक्टर (एज्युकेशन) डॉ. स्वप्ना एच. समेल और प्राचार्य डॉ. हर्षल बच्छाव का रहा। कार्यक्रम ने न केवल विद्यार्थियों में हिंदी भाषा और साहित्य के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि संस्कृति और राष्ट्रीय एकता के प्रति नई चेतना भी जाग्रत की।