मुंबई:राष्ट्रीय हॉकर नीति को क्रियान्वित किए जाने की मांग
रिपोर्ट/अजय उपाध्याय
मुंबई:पिछले 10-15 दिनों से मुंबई मनपा एम( प) विभाग में फेरीवालों पर कार्रवाई शुरू कर है। कमोवेश यही हालत मुंबई मनपा के अन्य वार्डों की भी है। जहां फेरीवालों पर निरंतर कार्यवाही शुरू है। इस कारण फेरीवालों के समक्ष भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है। रोज कमाओ और रोज खाओ इस तरह फेरीवालों की दिनचर्या चलती है। जबकि पिछले 15 दिनों से फेरीवाले बेकार हो गए हैं। वे दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। उनके घर के बुजुर्गों के लिए दवा-पानी और छात्रों की स्कूल फीस भरना मुश्किल हो गया है। यही नहीं प्रधानमंत्री निधि योजना से लिए गए १० हजार रुपए के कर्ज का हफ्ता न भर पाने से हॉकरों का सिबिल स्कोर भी खराब हो रहा है हजारों हॉकर रुपये की किश्त भी नहीं चुका पा रहे हैं। जिसके कारण फेरीवालों की जानी मानी संस्था शहीद भगत सिंह हॉकर यूनियन ने राष्ट्रीय हॉकर नीति को क्रियान्वित किए जाने की मांग की है। शहीद भगत सिंह हॉकर यूनियन के पदाधिकारियों ने सहायक आयुक्त मनपा एम ( प) विभाग को लिखे पत्र में बताया कि
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 9 नवंबर 2013 को राष्ट्रीय हॉकर नीति की घोषणा होने के बावजूद इसे लागू नहीं किया जा रहा है। इस नीति के अनुसार फेरीवालों का सर्वेक्षण कर उन्हें बायोमेट्रिक कार्ड देकर तथा 1 बाय 1 स्थान देकर शहरी फेरीवाला समिति के माध्यम से पुनर्वासित किये जाने की अपेक्षा की गई थी। लेकिन हकीकत यह है कि मनपा कुछ भी करने को तैयार नहीं है। यह एक तरह से मनपा की विफलता है। इसके विपरीत गरीब फेरीवालों पर हमला किया जाता है और उनका सामान नष्ट कर दिया जाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे में शहीद भगत सिंह हॉकर्स यूनियन के महासचिव सुभाष मराठे- निमगांवकर ने चेंबूर मनपा एम ( प) के सहायक आयुक्त से मांग की है कि
फेरीवालों को पुनर्वासित किये बिना कार्रवाई न करें।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का कर्ज माफ किया जाय।
फेरीवालों का बायोमेट्रिक सर्वेक्षण करके उन्हें लाइसेंस हॉकर्स जोन बनाया जाय। आदि मांगे शहीद भगत सिंह हॉकर यूनियन की ओर से की गई है।