पेटीएम ने यूपीआई लेनदेन में सुधार के शुरुआती संकेत दिखाए
Paytm showed early signs of improvement in UPI transactions
नई दिल्ली, 7 जून। भारत में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का चलन बढ़ता जा रहा है। हर कोई पेमेंट के लिए यूपीआई का उपयोग करता है। इस बीच पेमेंट एंड फाइनेंशियल सर्विस कंपनी पेटीएम को अपने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) बिजनेस में सुधार और मजबूत स्थिरता के शुरुआती संकेत मिल रहे हैं। यह कंपनी के लिए जबरदस्त वापसी का संकेत है।
मई में पेटीएम प्लेटफॉर्म पर प्रोसेस्ड यूपीआई ट्रांसक्शन्स (लेनदेन) का कुल मूल्य बढ़कर 1.24 ट्रिलियन रुपये हो गया। इसका श्रेय कंपनी द्वारा शुरू की गई कई पहलों को जाता है — यूपीआई पर क्रेडिट कार्ड, यूपीआई लाइट आदि।
मई में प्लेटफॉर्म पर कुल लेनदेन 1.14 बिलियन पर स्थिर होने के साथ पेटीएम मार्केट हिस्सेदारी के मामले में तीसरा सबसे बड़ा प्लेयर बन गया। जबकि यह मार्च में एक थर्ड-पार्टी एप्लीकेशन प्रदाता (टीपीएपी) बन गया था। पेटीएम मार्केट हिस्सेदारी के मामले में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है। इसके अलावा, अपने मर्चेंट बेस के विस्तार को देखते हुए कंपनी पीयर-टू-मर्चेंट (पी2एम) यूपीआई लेनदेन में सबसे आगे बनी हुई है।
पेटीएम एकमात्र भारतीय कंपनी है जो गूगल पे और फोनपे के अधिकार (डुओपोली) को चुनौती दे रही है।
यूपीआई ने मई 2024 में करीब 14 बिलियन लेन-देन संभालकर एक मील का पत्थर हासिल किया। यह 49 प्रतिशत साल-दर-साल की वृद्धि है और 20.45 ट्रिलियन रुपये के लेनदेन संसाधित (प्रोसेस्ड) किए गए, जो 2016 में लॉन्च होने के बाद से सबसे ज्यादा है। यह उछाल भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों के बीच डिजिटल पेमेंट के लिए बढ़ती प्राथमिकता को रेखांकित करता है।
यूपीआई को लेकर पेटीएम उत्साहित है। उसने अपनी यूपीआई सर्विस को बढ़ाने के लिए एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और यस बैंक समेत विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी की है।
नोएडा हेड क्वार्टर वाली कंपनी ने अपनी आय के एक हिस्से के रूप में कहा है कि इस कदम से उसके व्यवसाय मॉडल का जोखिम और कम हो गया है। पेटीएम द्वारा अपने प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किए गए यूपीआई लाइट जैसे फीचर यूजर्स को पेमेंट विफलताओं के जोखिम से बचने के लिए आसानी से पेमेंट करने में मदद करते हैं।
यह सर्विस खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अक्सर किराने का सामान खरीदने, पार्किंग के लिए पेमेंट करने या रोज आने-जाने के लिए किराए का पेमेंट करने जैसे छोटे भुगतान करते हैं।
कंपनी को वित्त वर्ष 2024 के लिए 288 करोड़ रुपये का यूपीआई प्रोत्साहन प्राप्त हुआ, जो वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 182 करोड़ रुपये था। यह पेमेंट बुनियादी ढांचे के साथ इसकी निरंतर ग्रोथ को दर्शाता है।
भारत में डिजिटल पेमेंट में ओवरऑल ग्रोथ, सहायक सरकारी नीतियों से प्रेरित होकर, नकदी रहित लेनदेन के प्रति उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव का संकेत देती है।