घोसी नगर स्थित तीस बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विशेषज्ञ डाक्टरों के अभाव में रेफरर अस्पताल बन कर रह गया है। 

 

रिपोर्ट:अशोकश्रीवास्तव ब्यूरोप्रमुख घोसी मऊ।

घोसी। घोसी नगर के मझवारामोड स्थित30बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जनप्रतिनिधियों एवं विभाग के अधिकारियों की उपेक्षा के चलते विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में रेफलर की जगह रेफरर अस्पताल बन कर रह गया है।यहा नियुक्त डेंटेल सर्जन डा संदीप वर्मा को छोड़ कर सभी डॉक्टर मात्र एमबीबीएस है।चिकित्सा चतुर्थ श्रेणी स्टाफ एवं सफाई कर्मचारियों से अधिक सुरक्षा कर्मी नियुक्त हैं।तीन की जगह एक स्थाईसफाई कर्मी एवं एक आउट सोर्सिंग पर कार्यरत है।बिजली न रहने पर डॉक्टर अंधेरे में मरीजो को देखते है।यह लगा इनवर्टर कई घंटे बिजली गुल रहने पर जबाब देजाता है। आउट सोर्सिंग से नियुक्त सफाई कर्मचारी को अन्यत्र अटैच कर दिया गया है।

तहसील एवं ब्लाक मुख्यालय होने के बाद भी घोसी नगर स्थित 30 बेड की सीएचसी पर 8विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति का प्रावधान है।परंतु एक वर्ष से अधिक से यहा एमडी, एम एस, आर्थो आदि विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है।यहा नियुक्त डॉक्टर एचसी पंकज, डा अनिल कुमार,डा सूरजप्रसाद, डा जे एच चौधरी, डा संगीता के साथ अधीक्षक के रूप में डा एसएन आर्य सहित सात डाक्टर कार्यरत है।इनमें से डेंटेल को छोड़ कर कोई भी विशेषज्ञ डॉक्टर नही है।2लाख से अधिक आबादी सीएचसी के कार्य क्षेत्र में है।प्रतिदिन2सौ से अधिक लोग जिनमें महिलाओ की संख्या अधिक है, यहा चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने के लिए आते है।विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति न होने पर प्राइवेट अस्पतालों में या जिला मुख्यालय पर जाने को बाध्य हो रहे है।तीन सफाई कर्मी की जगह एक स्थायी और एक आउटसोर्सिंग संविदा पर नियुक्त है।जिसके चलते साफसफाई व्यवस्था ठीक नहीं रहती।लोगो के अनुसार सफाई कर्मियों की नियुक्ति की जगह 4सुरक्षा कर्मी कार्य कर रहे है।सीएचसी का जनरेटर कम क्षमता का होने के चलते उससे केवल वैक्सीनेशन का ही काम लिया जाता है। और इन्वर्टर के खराब होने से डॉक्टर अंधेरे में मरीजों को देखने को बाध्य रहते है।इसके चलते अन्य चिकित्सीय कार्य भी प्रभावित होते है।इस सम्बंध में अधीक्षक डा एसएन आर्य ने बताया कि सीएचसी घोसी रेफलर अस्पताल है। यहा डेन्टल सर्जन को छोड़ कर सभी सामान्य है। यहा नियुक्त आउट सोर्सिंग से तैनात दूसरे सफाई कर्मचारी को अन्यत्र अटैच कर दिया गया है।इस को लेकर जल्द ही विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।

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