आईसीएआर के स्थापना दिवस पर बोले शिवराज सिंह चौहान, किसानों की सेवा मतलब भगवान की सेवा
On ICAR's foundation day, Shivraj Singh Chauhan said, serving farmers means serving God
नई दिल्ली, 16 जुलाई: बीजेपी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि अनुसंधान परिषद की स्थापना दिवस के मौके पर केंद्र सरकार की उपलब्धियों से जनसभा में आए लोगों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कृषि और कृषकों का हित हमारे सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद जब लाल बहादुर शास्त्री आए, तो उन्होंने जय जवान और जय किसान का नारा दिया था। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी आए, तो उन्होंने जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान का नारा दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसमें एक और आयाम जोड़ा और कहा जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान।“
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मैं स्वयं किसान हूं और आज भी खेती करता हूं। मैं पूरे देश के किसानों से कहना चाहता हूं कि हमारे यहां खेती के जोत अमेरिका जैसे नहीं हैं, बल्कि बहुत छोटे-छोटे होते हैं। हमारे यहां सीमांत किसान हैं। हमारे यहां बहुत छोटे-छोटे किसान हैं। हमें मॉडल फॉर्म बनाने की कोशिश करनी चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “आज भी देश की आधी आबादी कृषि पर आश्रित है। आप समझिए कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की आत्मा है। कृषि मंत्री के रूप में मैं मानता हूं कि किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान की सेवा जैसी है और यही भाव हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी है। प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया और मैं आज मध्य प्रदेश से अर्जित हुए अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि हम आज पहले से कई गुना बेहतर स्थिति में हैं।”
उन्होंने कहा ”पहले हम एक बीमारू राज्य की श्रेणी में आते थे। जब मैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर वहां की कुर्सी पर विराजमान हुआ था, तो प्रदेश का बजट महज 21 हजार करोड़ का था, लेकिन, मुझे लगा अगर मुझे मध्य प्रदेश को आगे बढ़ाना है, तो पहले किसानों और खेती पर ध्यान देना होगा। अगर मैं किसानों और खेती पर ध्यान दूंगा, तो सारी समस्याओं का निराकरण खुद-ब-खुद हो जाएगा।”