गौरा खास कंपोजिट विद्यालय में प्रधानाध्यापक के ट्रांसफर और बजट की जांच को लेकर धरना

खंड शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह के समझाने बुझाने पर धरना हुआ समाप्त

 

जखनिया, गाजीपुर। जखनिया विकासखंड के गौरा खास कंपोजिट विद्यालय में शनिवार सुबह से ही प्रबंध समिति और ग्रामीणों ने विद्यालय के गेट में ताला लगाकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि प्रधानाध्यापक सर्वानंद यादव का तत्काल ट्रांसफर किया जाए और विद्यालय के लगभग 16 लाख रुपए के बजट की पारदर्शी जांच कराई जाए।

 

धरना प्रदर्शन का नेतृत्व प्रबंध समिति के अध्यक्ष अजय कुमार पांडे कर रहे थे। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं। सूचना मिलने पर खंड शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे।

 

जांच को लेकर उठाए सवाल

 

प्रबंध समिति के अध्यक्ष अजय कुमार पांडे ने आरोप लगाया कि प्रधानाध्यापक की जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी ने बिना किसी को बुलाए ही प्रधानाध्यापक के पक्ष में रिपोर्ट तैयार कर दी। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि जब तक प्रधानाध्यापक का ट्रांसफर नहीं होता और 16 लाख के बजट की निष्पक्ष जांच नहीं कराई जाती, तब तक धरना जारी रहेगा।

 

एक माह से निलंबित हैं प्रधानाध्यापक

 

गौरतलब है कि प्रधानाध्यापक सर्वानंद यादव पिछले एक महीने से निलंबित चल रहे हैं और उनकी जांच खंड शिक्षा अधिकारी कासिमाबाद द्वारा की जा रही है। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि जांच निष्पक्ष नहीं हो रही है।

 

शाम 4:30 बजे खंड शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह तत्काल प्रधानाध्यापक को जखनिया बीआरसी से अटैच करने और जल्द जांच करने की बात पर धरना समाप्त हुआ। इस मौके पर थाने के उपनिरीक्षक सैफ, एडवोकेट अखिलानन्द सिंह, डॉ रामवृक्ष यादव, सच्चिदानंद पांडे सहित अन्य लोग रहे।

 

धरने में शामिल लोग

 

धरने में प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष ममता देवी, कलावती देवी, संजू देवी, गुड्डू राम, ममता, सोनी, सुशीला देवी, चंद्रकला देवी, रीता, बेचन राम, फूला देवी, सोनमती, रामवती, मुरारी, मुनिया, लालमति, अनीता, मंजू, रेखा, संगीता, सरिता, कमली, सुनील राम सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।

 

प्रशासन की अगली कार्रवाई पर नजर

 

फिलहाल, प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।

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