भिवंडी ग्रामीण विधान सभा चुनाव बना विकाश का मुद्दा

Bhiwandi Rural Vidhan Sabha elections become a development issue

हिंद एकता टाइम्स भिंवंडी

रवि तिवारी

भिवंडी -भिवंडी ग्रामीण विधान सभा इलाकोंं क्षेत्र के जागरूक मतदाताओं ने जाति-पाति और धार्मिक भावनाओं से दूर विकाश की राजनिति पर अपना प्रतिनिधि चुनेने का निर्णय लिया है। भिंवंडी ग्रमीण क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों से विकास नहीं होपाया है। पानी,सड़क,शिक्षा,रोजगार, और स्वास्थ्य सेवाओं का भारी अभाव को लेकर ल़ोगों में भारी नाराजगी के अलावां खस्ताहाल सड़कों पर जानलेवा गड्ढे, और आदिवासी पाड़ों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव बढ़ती महगाई,आदि समस्याएं जैसी मुद्दों ने आगामी चुनावों को बेहद संवेदनशील बना दिया है।भिवंडी ग्रामीण विधानसभा चुनाव के जागरूक मतदाताओं ने अपने प्रत्याशियों से ग्रामीण क्षेत्र में हुए विकाश का हिसाब किताब माग रही है। उनका कहना है कि हर घर नल हर घर जल,जलकुंभ योजना, अमृत योजना, के बावजूद एक एक बूंद पानी के लिए तड़प रहे लोग तथा चरमराई हुई स्वास्थ्य सेवाएं,और गंभीर बीमारी, व महिलाओं के प्रसव के मामले में घंटों का सफर तथा गर्भवती महिलाओं को समय पर इलाज न मिलने के कारण कई बार गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। सड़कों पर बने गड्ढों से कई लोगों की जान जा चुकी है। प्रशासन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल पाया है।आदिवासी पाड़ों की स्थिति बेहद खराब है। पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, के अलांवां अन्य सुविधा भी नहीं मिल पा रही है।अब विकाश को लेकर चुनावी मुद्दे जोर पकड़ता जारहा हैं। वर्तमान विधायक के लिए जनता के सवालों के जबाब देना आसान नहीं होगा। विपक्षी दलों ने जनता के रुख को परखते हुए विकिश का मुद्दा बनाकर जनता को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। भिवंडी ग्रामीण विधान सभा सीट की लडा़ई एनडीए गठबंधन के सेना शिंदे गुट के शांताराम मोरे तथा इंडिया गठबंधन महाविकास आघाड़ी सेना (बीयुटी) उम्मीदवार महादेव घाटाल के बीच सीधा मुकाबला है।

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