पटियाला में कर्नल की पिटाई का मामला : भिवानी में रिटायर्ड फौजियों और किसानों का विरोध
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भिवानी, 24 मार्च (आईएएनएस)। पंजाब के पटियाला में एक कर्नल और उनके बेटे की पंजाब पुलिस द्वारा कथित पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना के विरोध में हरियाणा के भिवानी में रिटायर्ड फौजियों और किसानों ने पंजाब सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। सोमवार को भिवानी लघु सचिवालय के बाहर भिवानी वेटरन संगठन के बैनर तले धरना दिया गया और पंजाब सरकार का पुतला जलाया गया। प्रदर्शनकारियों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की और पंजाब में जंगलराज का आरोप लगाया।
बताया जा रहा है कि करीब एक हफ्ते पहले पटियाला में एक होटल में कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ अपने बेटे के साथ खाना खा रहे थे। इसी दौरान मामूली विवाद को लेकर पंजाब पुलिस के चार इंस्पेक्टरों और अन्य कर्मियों ने दोनों की बुरी तरह पिटाई कर दी। कर्नल का हाथ टूट गया और उनके बेटे को भी गंभीर चोटें आईं।
इस घटना के बाद पंजाब पुलिस ने 12 कर्मियों को निलंबित किया और एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनाई, लेकिन अभी तक आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
भिवानी में प्रदर्शन के दौरान किसान नेता कामरेड ओमप्रकाश ने कहा, “पंजाब पुलिस ने कर्नल और उनके बेटे पर बेरहमी से हमला किया। एक हफ्ता बीत गया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हम मांग करते हैं कि एसआईटी में सेना का एक अधिकारी शामिल हो और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।”
उन्होंने पंजाब सरकार पर जवानों और किसानों के साथ अत्याचार करने का आरोप लगाया। ओमप्रकाश ने कहा कि यह शर्मनाक है कि एक सैन्य अधिकारी के साथ ऐसा व्यवहार हुआ।
वहीं, रिटायर्ड फौजी वीरेंद्र ग्रेवाल ने कहा, “अगर कर्नल ने उस वक्त सेना को फोन कर दिया होता, तो मामला और गंभीर हो सकता था। पंजाब में पुलिस से ज्यादा सेना की ताकत है। पिछले तीन साल से वहां सरकार नहीं, गुंडाराज चल रहा है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए कहा, “जवानों की पिटाई और किसानों पर लाठियां चलाने वाले को शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए। अगर भविष्य में ऐसा हुआ, तो हम अपनी वर्दी की इज्जत के लिए शहीद होने को तैयार हैं।”
पटियाला की इस घटना से भिवानी के रिटायर्ड फौजी और किसान बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि पंजाब सरकार जवानों और किसानों दोनों के खिलाफ काम कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर दोषियों को सजा नहीं मिली, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
–आईएएनएस
एसएचके/सीबीटी
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