ओपीडी में पहुंचे 2500 मरीज, कई बार मरीजों ने किया हंगामा

 

 

रिपोर्टर अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता टाइम

 

 

 

बलिया ब्यूरो

मौसम में बदलाव आया है। लेकिन जिला अस्पताल में पहंुचने वाले मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। सोमवार को जिला अस्पताल में 2500 मरीज इलाज कराने पहुंचे। इससे मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। ओपीडी में 2081 नए पर्चे बने, साथ ही अन्य में पुराने मरीज शामिल रहे।

जिले के दूरदराज के गांवों से सुबह से मरीज पहुंचने लगे। हालत यह थी कि पर्ची काउंटर, ओपीडी से लेकर दवा काउंटर तक लंबी लाइन लगी रही। भीड़ के कारण रुक-रुक कर हंगामा होता रहा। यही हाल जांच केंद्रों का भी रहा। कुछ चिकित्सकों के छुट्टी के कारण दूसरे ओपीडी में दो बजे के बाद तक भीड़ रही। लंबे समय बाद ओपीडी में मरीजों की भीड़ दोगुना होने से चिकित्सकों संग कर्मचारियों को परेशानी उठानी पड़ी। पिछले एक माह से सिर्फ एक हजार के आसपास मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे थे। अचानक भीड़ के कारण कई मरीज बिना इलाज कराए वापस लौट गए।

 

 

 

जिले में दोपहर बाद कई स्थानों पर हुई बारिश से तापमान में छह डिग्री की कमी दर्ज की गई। वहीं, प्री मानसून ने हालत और खराब कर दी। उमस भरी गर्मी परेशानी बढ़ानी लगी है। सुबह अस्पताल खुलने से पूर्व पर्ची काउंटर पर मरीजों की लंबी लाइन लग गई थी। सुरक्षाकर्मियों को व्यवस्था बनाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। ओपीडी में चिकित्सकों के नौ बजे के बाद बैठने के कारण बाहर भीड़ लगी रही। उमस भरी गर्मी से चिकित्सक संग मरीज भी परेशान रहे।

 

एक्सरे कराने के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगी थी, सुबह से लाइन में लगने के बाद भी सभी की जांच नहीं हो सकी। चालीस जांच के बाद करीब 70 मरीजों को अगले दिन का नंबर थमा दिया गया। पहले जांच कराने को लेकर कई बार तीमारदारों ने हंगामा किया। ओपीडी में डायरिया, वायरल बुखार, त्वचा रोग से संबंधित मरीज ज्यादा रहे।

 

 

 

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि मौसम में बदलाव से लोग वायरल बुखार की चपेट में आएंगे। डॉ. पंकज झा ने बताया कि दूषित भोजन व पानी पीने से संक्रमण बीमारियों का खतरा बना रहता है। थोड़ी सी लापरवाही घातक हो सकती है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एके उपाध्याय व डॉ. विनेश कुमार बच्चों के खानपान पर संयम व साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा। सीने की जकड़न व डायरिया का खतरा रहता है।

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