बाबा साहब अंबेडकर की जयंती से पहले साफ सफाई अभियान, आजमगढ़ में AAP कार्यकर्ताओं ने मेहता पार्क की सफाई,प्रतिमा का किया माल्यार्पण 

Cleanliness drive before Baba Saheb Ambedkar's birth anniversary, AAP workers cleaned Mehta Park in Azamgarh and garlanded the statue

 आजमगढ़ 12 अप्रैल: रविवार को आम आदमी पार्टी आजमगढ़ इकाई के द्वारा प्रांत अध्यक्ष राजेश यादव व जिला अध्यक्ष रविंद्र यादव के नेतृत्व में मेहता पार्क स्थिति बाबा साहब भीमराव अंबेडकर  की प्रतिमा की साफ सफाई व माल्यार्पण किया गया।
प्रांत अध्यक्ष  राजेश यादव ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जीवन एक प्रेरणादायक गाथा है, जिसमें एक व्यक्ति ने सामाजिक अन्याय, भेदभाव और छुआछूत जैसी विशेष बुराइयों के विरुद्ध लड़ते हुए इतिहास रच दिया। अंबेडकर जी ने छुआछूत को न केवल सामाजिक बुराई माना, बल्कि इसे मानवता के लिए कलंक कहा। वे मानते थे कि जब तक समाज में छुआछूत रहेगी, तब तक सच्चा लोकतंत्र नहीं आ सकता। उन्होंने कहा कि सफ़ाई केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्तर पर भी होनी चाहिए। उन्होंने दलितों को यह सिखाया कि वे अपने आत्म-सम्मान को पहचानें और सामाजिक गंदगी को चुनौती दें।वे मानते थे कि दलितों को सिर्फ सफाई कर्मचारी के रूप में देखना अन्याय है। हर किसी को समान अवसर और गरिमा से जीने का अधिकार होना चाहिए।बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर केवल छुआछूत और जातिवाद के ही नहीं, बल्कि समाज में फैली अनेक अन्य सामाजिक कुरीतियों के भी प्रखर आलोचक थे। उनका विचार था कि जब तक समाज में समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व की भावना नहीं आएगी, तब तक सच्चा लोकतंत्र स्थापित नहीं हो सकता।कृपाशंकर पाठक प्रदेश उपाध्यक्ष पंचायत प्रकोष्ठ ने कहा कि उनका प्रसिद्ध कथन है मैं ऐसा धर्म मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता उन्होंने शिक्षा को परिवर्तन का सबसे प्रभावशाली हथियार माना और कहा शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जीवनभर सामाजिक न्याय, मानव गरिमा और समानता के लिए संघर्ष किया। उन्होंने समाज में व्याप्त हर उस कुरीति का विरोध किया जो इंसान को इंसान से छोटा बनाती है। एडवोकेट एम पी यादव अध्यक्ष विधानसभा निजामाबाद ने कहा कि अंबेडकर जी ने मनुस्मृति की कड़ी आलोचना की, क्योंकि उसमें वर्ण व्यवस्था को स्थायी और जन्म आधारित बताया गया था.उन्होंने जाति व्यवस्था को मानव स्वतंत्रता के विरुद्ध एक षड्यंत्र कहा।उन्होंने कहा:
“जाति एक कृत्रिम निर्माण है, न कि ईश्वर द्वारा दी गई व्यवस्था।वे मानते थे कि धर्म का उद्देश्य मानव कल्याण होना चाहिए, न कि गुलामी या भेदभाव। आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से उमेश यादव,अन्नू राय,अभिषेक राजभर रमेश मौर्य,अनिल यादव,रूपेश विश्वकर्मा,जीवन ज्योति,संजय यादव,अरुण मौर्य,सुधीर यादव,राजन सिंह,दीनबंधु गुप्ता,हरेंद्र यादव,शिवम् यादव आदि साथी उपस्थित रहे।

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