भिवंडी में भिवंडी विकास आघाड़ी की पुनः स्थापना, राजनीतिक हलकों में हलचल
Re-establishment of Bhiwandi Vikas Aghadi in Bhiwandi, stir in political circles
हिंद एकता टाइम्स भिवंडी
रवि तिवारी
भिवंडी -भिवंडी महानगरपालिका की स्थापना के शुरुआती दस वर्षों में सत्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली भिवंडी विकास आघाड़ी (एकता मंच) की पुनः स्थापना की गई है। यह कदम पूर्व महापौर जावेद दलवी के नेतृत्व में लिया गया। गुरुवार को फक्की हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस मंच का पुनः गठन हुआ। इस मौके पर भिवंडी विकास आघाड़ी की ओर से विधायक महेश चौघुले और विधायक शांताराम मोरे का सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया।इस कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आनंद गद्रे, शिवसेना शहर प्रमुख सुभाष माने, समाजवादी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय यादव, पूर्व अध्यक्ष सलाम नोमानी, कांग्रेस के पूर्व नगरसेवक वसीम अंसारी, सहाफ मोमिन, तलाह मोमिन, प्रशांत लाड, रिशिका राका,इरफान अंसारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे कार्यक्रम के दौरान जावेद दलवी ने कहा कि भिवंडी शहर को यातायात जाम और संकटग्रस्त यंत्रमाग उद्योग जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। पिछले तीन वर्षों से महानगरपालिका का सभागृह अस्तित्व में नहीं होने के कारण नागरिकों की समस्याएं अनसुनी रह गई हैं। ऐसे समय में नागरिकों के मुद्दे उठाने के लिए एक मंच का होना जरूरी है। इसी उद्देश्य से भिवंडी विकास आघाड़ी की पुनः स्थापना की जा रही है।उन्होंने यह भी बताया कि इस मंच ने अपनी स्थापना के शुरुआती वर्षों में शहर के विकास में अहम योगदान दिया था और स्थानीय नागरिकों की मांग पर इसे फिर से सक्रिय किया जा रहा है। इस मौके पर विधायक महेश चौघुले ने कहा कि वे जाति और धर्म से परे जाकर शहरवासियों की जरूरतों को प्राथमिकता देंगे। वहीं, विधायक शांताराम मोरे ने अपने प्रति व्यक्त की गई कृतज्ञता का आभार प्रकट किया।गौरतलब है कि भिवंडी विकास आघाड़ी ने २००२ और २००७ की महानगरपालिका चुनावों में ११ नगरसेवकों का चुनाव सुनिश्चित किया था। और २००७ में इस मंच ने महापौर पद पर कब्जा जमाया था। हालांकि, बाद में जावेद दलवी ने इस मंच को कांग्रेस में विलीन कर दिया था। हालिया पुनर्गठन के साथ, जावेद दलवी ने कांग्रेस की आंतरिक राजनीति से असंतुष्ट होकर इस मंच को पुनर्जीवित किया है। इस कदम से भिवंडी के राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मच गई है। विभिन्न राजनीतिक दलों के भीतर इस मंच की सक्रियता को लेकर चर्चा तेज हो गई है।शहरवासियों को उम्मीद है कि भिवंडी विकास आघाड़ी के पुनर्गठन से शहर के विकास और समस्याओं के समाधान को नई गति मिलेगी।