वामपंथी नेताओं ने गांधी प्रतिमा के समक्ष रखा उपवास 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारधारा पर डाला गया विस्तार पूर्वक प्रकाश 

 

रिपोर्ट अशरफ संजरी

भदोही। माकपा, भाकपा, भाकपा (माले) व फारवर्ड ब्लॉक के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त वामपंथी मोर्चा के बैनर तले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहादत दिवस के मौके पर गुरुवार को नगर के इंदिरा मिल चौराहे के पास स्थित उनकी प्रतिमा के समक्ष उपवास रखा। इसके पूर्व सभी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस दौरान इंद्रदेव पाल ने कहा कि महात्मा गांधी हिंदू-मुस्लिम एकता के हिमायती थे। वें हिंदू राष्ट्र की स्थापना के विरुद्ध थे। इसलिए आज ही के दिन 30 जनवरी 1948 को ऐसी सोच रखने वाले नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि आज वहीं ताकतें राज्य व केंद्र में शासन कर रही है। जो हमारे संविधान के धर्मनिरपेक्ष के स्वरुप को बदल डालना चाहती है। आज महात्मा गांधी के विचारधारा को चुनौती देते हुए हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं। श्री पाल ने कहा कि राष्ट्र की स्वतंत्रता, संप्रभुता और धर्म निरपेक्षता जनतंत्रवादी राष्ट्र, राष्ट्र के स्वरुप के लिए महात्मा गांधी की विचारधारा हमारे लिए प्रासंगिक है। राष्ट्र की मजबूती के लिए हिंदू, मुस्लिम, सिख व इसाई की एकता जरुरी है। किंतु इस समय भाजपा की सरकार सभी धार्मिक समूहों को आपस में लड़ाकर भारत की आम जनता को आर्थिक रूप से निचोड़ डालना चाहती है। समस्त भारतीय के आर्थिक ताकत को कारपोरेट के हवाले कर देना चाहती है।

इस मौके पर जगन्नाथ मौर्य, रामचंद्र पटेल, अमृतलाल मौर्य, श्रीराम बिंद, भूलाल पाल, रामजीत यादव, केशव प्रसाद, उमाशंकर यादव, रामखेलावन व ज्ञान प्रकाश प्रजापति आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।

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