आजमगढ़:वर्षो से अधूरा पड़ा है चिकनहवा ढाले पर अर्धनिर्मित पुल, ग्रामीणों का आवागमन बना है दूभर, ग्रामीणों की मांगों को किया जा रहा अनसुना
The half-finished bridge on Chikanhawa slope has been lying unfinished for years, the villagers' demands are being ignored
रिपोर्ट।रोशन लाल
आजमगढ़ जनपद का देवरांचल क्षेत्र अभी भी विकास से काफी दूर पड़ा हुआ है ना कोई उचित शिक्षा ना चिकित्सा ना कोई कारखाना जब भी चुनाव आता है तभी यहां के जनप्रतिनिधि यहां के लोगों को बड़े-बड़े वादे करके उनका वोट लेकर चले जाते हैं ऐसा ही एक मुद्दा वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है चिकनिहवा ढाले के पास अर्धनिर्मित पुल जिससे वर्षो बीत जाने के बाद भी आज तक नहीं बन पाया लोगों का आवागमन दूभर बना हुआ है ।
चिकनिहवा पुल आज एक बार फिर राजनीतिक का शिकार हुआ पड़ा है यहां के लोगों ने आज इकट्ठा होकर मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि इसी चुनाव में यदि कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो हम लोग फिर एक बार वोट का बहिष्कार करने के लिए बाध्य होंगे क्यों कि यहां पर जितनी भी सरकारे आई हैं वह इस अधूरे पुल के बारे में केवल बड़े-बड़े वादे करके चली गई है आपको बता दे की 2007-08 में इसकी बुनियाद निवर्तमान बसपा विधायक श्यामनारायण यादव ने की थी लेकिन उनका कार्यकाल पूरा हो जाने से यह पुल अधूरा रह गया । तब से आज तक यह राजनीतिक मुद्दा बना पड़ा हुआ है.
सपा के लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव भी पूर्व सांसद स्वर्गीय मुलायम सिंह के पक्ष में वोट की अपील करने के लिए पहुंचे थे तो तो वहां की जनता ने उन्हें घेर कर इस अधूरे पुल को निर्माण करने की मांग की । उन्होंने कहा कि आप लोग माननीय मुलायम सिंह को सांसद बना देंगे तो यह पुल का निर्माण तुरंत हो जाएगा फिर इसके बाद सपा की सरकार भी आई सपा के सांसद भी हुए उस समय वर्तमान में माननीय शिवपाल लोक निर्माण मंत्री भी रह चुके थे।
लेकिन इस मुद्दे को आवाज उठाने का काम किया था लेकिन कहीं ना कहीं आवाज इस अधूरे पुल के साथ दबी पड़ी रह गई ।
भाजपा सरकार में रह चुके पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने भी इस पुल के बारे में जमकर राजनीति की यहां के लोगों को आश्वासन दिए की जब भी हमारी सरकार बनती है हम इस सरकार में सांसद बनते हैं एक तरफ हम फिल्म की शूटिंग करेंगे तो दूसरी तरफ इसी पुल का निर्माण कराएंगे ऐसे ही वादे सपा के विधायक भी कर चुके हैं।
जिसमें से स्वर्गीय वसीम अहमद, वर्तमान विधायक नफीस अहमद ने भी इन लोगों के साथ बड़े-बड़े वादे करके वोट लेकर चले गए यहां के लोगों का कहना है कि यदि यहां का कोई सांसद या विधायक अपनी निधि का भी उपयोग करता तो भी इस पुल का निर्माण कब का हो चुका होता । लेकिन अपनी रोटी सेंकने के चक्कर में इस अधूरे पुल को पूरा न करने में नाकाम दिख रहे हैं इतनी सभी दिक्कतों को खत्म करने के लिए देवारा ने एक संगठन बनाया था देवारा विकास सेवा समिति के नाम से जो कि देवारा वासियों के लिए एक आवाज बने लेकिन हमेशा कि तरह हर बार देवारा की आवाज दबा दी जाती है और यह संगठन भी दबकर रह जाता है ।